Head and Neck Cancer: भारत में सबसे ज्यादा सिर और गर्दन के कैंसर (Head and Neck Cancer) के मामले आ रहे हैं. हमारे देश में जितने तरह के कैंसर होते हैं, उनमें 17 प्रतिशत कैंसर गर्दन और सिर में ही होते हैं. पूरी दुनिया में होने वाले नेक एंड हेड कैंसर का 30-35 प्रतिशत मामले अकेले भारत में हैं. राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के डॉक्टरों ने इस पर गहरी चिंता व्यक्ति करते हुए इससे बचने के उपायों पर गहन विचार-विमर्श किया है. इसी विषय पर दुनिया भर के मशहूर कैंसर विशेषज्ञों ने आरजीकॉन 2024 में मंथन किया है और इसके इलाज और रोकथाम को लेकर एक रोड मैप तैयार किया है. इस कार्यक्रम में मशहूर डॉक्टरों के अलावा राष्ट्रीय कैंसर संस्थान और एम्स में ऑटोलैरिंगोलॉजी डिपार्टमेंट और हेड एंड नेक सर्जरी के प्रमुख डॉ. आलोक खट्टर ने अपने विचार रखें.
2040 तक 21 लाख मरीज
ग्लोबोकॉन 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सिर और गर्दन कैंसर के मामले इतने भयावह होने वाले हैं कि 2040 तक 21 लाख लोग इसके शिकार होंगे जो 2020 की तुलना में 57.5 प्रतिशत ज्यादा होंगे. यानी हर साल दोगुनी गति से कैंसर के मामले देश में बढ़ रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पुरुषों में गर्दन और सिर के कैंसर के मामले ज्यादा आते हैं. यह करीब कुल कैंसर में 26 प्रतिशत है जबकि महिलाओं में कुल कैंसर में 8 प्रतिशत मामले सिर और गर्दन के कैंसर के होते हैं. इस सम्मेलन में डॉक्टरों ने कैंसर से बचाने के लिए सर्जरी, रेडिएशन, मेडिकल ऑन्कोलॉजी और पैथोलॉजी की विशेषज्ञता पर खास जोर दिया और कहा कि अगर शुरुआत में मरीज डॉक्टरों के पास आ जाएं तो इससे काफी हद तक बीमारी से मरीजों को बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक ज्ञान और तकनीक से सिर और गर्दन के कैंसर के मामले को रोका जा सकता है.
आरजीकॉन 2024 की आयोजन समिति में डॉ मुदित अग्रवाल, यूनिट हैड एवं सीनियर कंसलटेंट, हैड एंड नैक ऑन्कोलॉजी, डॉ मुनीश गैरोला, डायरेक्टर, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, डॉ सुमित गोयल, एसोसिएट डायरेक्टर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, डॉ रजत साहा, सीनियर कंसलटेंट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, डॉ सुनील पसरीचा, सीनियर कंसलटेंट पैथोलॉजी और डॉ विकास अरोड़ा, कंसलटेंट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी शामिल हुए.
सिर और गर्दन कैंसर के कारण
डॉक्टरों का मानना है कि सिर और गर्दन के कैंसर के जितने मामले आते हैं उनमें तंबाकू, तंबाकू वाले प्रोडक्ट और अल्कोहल सबसे बड़ा कारण है. करीब 80 प्रतिशत सिर और गर्दन के कैंसर के लिए यही दोनों चीज जिम्मेदार हैं. चूंकि भारत में तंबाकू का किसी न किसी रूप में सबसे ज्यादा सेवन किया जाता है, इसलिए सिर और गर्दन के कैंसर के सबसे ज्यादा मामले आ रहे हैं. इसके अलावा एचपीवी वायरस, एयर पॉल्यूशन और सूरज की रोशनी भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं. साथ ही हरी पत्तीदार सब्जियों और फलों का सेवन भी कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है.
सिर और गर्दन कैंसर से कैसे बचें
चूंकि सिर और गर्दन के कैंसर के लिए 80 प्रतिशत तंबाकू और अल्कोहल ही जिम्मेदार होते हैं. इसलिए किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन न करें. चाहे वह सिगरेट हो, बीड़ी हो, हुक्का हो या गुटखे में तंबाकू हो. इसके अलावा शराब का सेवन एकदम सीमित कर दें. वहीं एचपीवी का टीका लगाने से भी सिर और गर्दन के कैंसर से बचा जा सकता है. ज्यादा धूप में खुले रहने से भी कैंसर हो सकता है.
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FIRST PUBLISHED : March 18, 2024, 13:21 IST