Saturday, June 28, 2025
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Samsung, Xiaomi, Vivo जैसे ब्रांड्स की भारत में बढ़ी मुश्किल, सरकार ने भेजा नोटिस


Samsung Xiaomi- India TV Hindi

Image Source : FILE
Samsung Xiaomi

Samsung, Xiaomi जैसे स्मार्टफोन ब्रांड की भारत में मुश्किलें बढ़ गई है। इन कंपनियों पर Amazon और Flipkart जैसे ई-कॉमर्स कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है। सरकारी एजेंसी CCI ने इस मामले में ई-कॉमर्स कंपनियों को भी आड़े हाथ लिया है। उनपर भी एंटी ट्रस्ट नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा है। कंपीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) की एंटी-ट्रस्ट इन्वेस्टिगेशन में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा स्थानीय कंपीटिशन के नियमों की अवहेलना पाई गई है।

ये है मामला

सरकारी एजेंसी ने अपनी जांच में पाया कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Amazon और Flipkart भारत में Samsung, Xiaomi, Motorola, OnePlus, Realme जैसे ब्रांड के फोन अपने प्लेटफॉर्म पर एक्सक्लूसिविली लॉन्च करते हैं, जो स्थानीय कंपीटिशन नियमों की अवहेलना है। रायटर्स की रिपोर्ट की मानें तो स्मार्टफोन कंपनियां और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म चुनिंदा विक्रेताओं को प्रिफ्ररेंश दे रहे हैं। साथ ही प्रोडक्ट को अपनी लिस्टिंग में प्रॉयरिटी देने का काम कर रहे हैं। 

Amazon-Flipkart से मांगा जबाब

ये कंपनियां यहां की स्थानीय नियमों का उल्लंघन करते हुए अन्य जगहों से अपने प्रोडक्ट को हटा रहे हैं, जिसका फायदा प्लेटफॉर्म और कंपनी दोनों को हो रहा है, जबकि अन्य कंपनियों को इसका नुकसान हो रहा है। CCI ने Amazon को 1,027 पन्नों की एंटी-ट्रस्ट जांच की रिपोर्ट भेजी है, जिसमें पांच स्मार्टफोन कंपनियों के नाम शामिल हैं। ये कंपनियां Samsung, Xiaomi, Motorola, Realme और OnePlus हैं।

स्मार्टफोन कंपनियों द्वारा की जाने वाली यह एक्सक्लूसिव डील CCI के एंटी-ट्रस्ट नियमों का उल्लंघन है। सरकारी एजेंसी ने Flipkart को 1,696 पन्नों की जांच रिपोर्ट भेजी है, जिसमें Xiaomi, Samsung, Motorola, Vivo, Realme और Lenovo का नाम शामिल है। CCI की यह जांच रिपोर्ट भारतीय बाजार में स्थापित हो चुके Xiaomi, Samsung जैसे लीडिंग स्मार्टफोन ब्रांड की टेंशन बढ़ाने वाला है।

व्यवसाय में विशिष्टता अभिशाप

CCI के एडिशनल डायरेक्टर जनरल जी वी सिवा प्रसाद ने Amazon और Flipkart को भेजे अपने रिपोर्ट में कहा है कि व्यवसाय में विशिष्टता अभिशाप है। यह न केवल स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के खिलाफ है बल्कि उपभोक्ताओं के हित के भी खिलाफ है। सरकारी एजेंसी की यह जांच 9 अगस्त को की गई थी, जो अभी पब्लिक नहीं की गई है। इस मामले में स्मार्टफोन कंपनियों ने फिलहाल कोई स्टेटमेंट जारी नहीं की है। यही नहीं, ई-कॉमर्स की तरफ से भी CCI को अभी जबाब नहीं दिया गया है।

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