ईशा बिरोरिया/ ऋषिकेश. तुलसी के पौधे के बारे में हम सभी जानते हैं. लगभग सभी के घर के आंगन में इसका पौधा लगा दिख जाएगा. इसका पौधा घर में लगाने से लेकर इसका इस्तेमाल करने से स्वास्थ्य को कई लाभ होते हैं. वहीं मीठी तुलसी (Meethi Tulsi Benefits) के बारे शायद ही किसी को पता होगा. इसे शुगर फ्री प्लांट और स्टीविया (Stevia Benefits) के नाम से भी जाना जाता है. इस पौधे में चीनी के मुकाबले 300 गुना ज्यादा मिठास होती है, जिसकी वजह से इसका पत्ता चबाने में हल्का कड़वा लगता है.
Local 18 के साथ बातचीत में उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित शिवालिक जैव विविधता पार्क के वन दारोगा राकेश रावत बताते हैं कि ऋषिकेश में स्थित इस पौधशाला में कई सारे औषधीय पौधे हैं. उन्हीं में से एक पौधा स्टीविया भी है. स्टीविया को मीठी तुलसी भी कहा जाता है क्योंकि इसमें चीनी के मुकाबले 300 गुना ज्यादा मिठास होती है लेकिन यह नुकसान नहीं करती है. ज्यादा मीठा होने की वजह से यह स्वाद में हल्का कड़वा प्रतीत होता है. वहीं डायबिटीज के मरीजों के लिए यह रामबाण इलाज है.
कई देशों में मिठास के तौर पर इस्तेमाल
राकेश बताते हैं कि स्टीविया को शुगर सब्सिट्यूट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, कैलोरी और आर्टिफिशियल इंग्रेडिएंट्स नहीं होते. वहीं लोग इसे चाय में डालकर भी इस्तेमाल करते हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए यह रामबाण इलाज है. वे चीनी की जगह स्टीविया का इस्तेमाल कर सकते हैं. साउथ अमेरिका और एशिया के कई देशों में मिठास के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है.
कैसे करें स्टीविया का प्रयोग?
इसे इस्तेमाल करने के लिए इसके पत्तों को पानी में डालकर अच्छे से उबाल लें. पानी में उबालने से इन पत्तों की मिठास पानी में घुल जाती है. जिसके बाद स्वाद अनुसार आप इसका प्रयोग कर सकते हैं. बाजार में भी यह कई फॉर्म में उपलब्ध है. स्टीविया का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और हेल्थ बेनिफिट रेसिपी की सलाह, हमारे एक्सपर्ट्स से की गई चर्चा के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है न कि व्यक्तिगत सलाह. हर व्यक्ति की आवश्यकताएं अलग हैं, इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. कृपया ध्यान दें, Local 18 की टीम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.
.
Tags: Diabetes, Health, Local18, Uttarakhand news
FIRST PUBLISHED : January 18, 2024, 12:41 IST