सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप नेता सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत को अगले आदेश तक पहले ही बढ़ा दिया है. वहीं जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए आप नेता और पूर्व मंत्री सतेंद्र जैन के वकील ने कोर्ट में यह दलील दी कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. आपको बता दें कि सतेंद्र जैन की सर्जरी 21 जुलाई को सर्जरी हुई थी और उसके बाद से चिकित्सा के आधार पर उनकी अंतरिम जमानत याचिका समय-समय पर बढ़ाई गई है.
सतेंद्र जैन की तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सतेंद्र जैन ने इस मामले में अब तक पूरा सहयोग किया है और पूर्वमंत्री के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनाया गया है. वहीं कानून के मुताबिक, किसी कंपनी की संपत्ति का श्रेय कभी भी किसी शेयरधारक या निदेशक को नहीं दिया जा सकता है. उन्होंने पूछा कि कंपनी में मौजूद पैसे का श्रेय जैन को कैसे दिया जा सकता है.
14 फरवरी 2017 से मई 2022 तक की डिटेल बताते हुए, सिंघवी ने कहा कि तीन कंपनियों जिनमें मंगलायतन भी शामिल है उनको लेकर मुकदमा बनाया गया है. वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील देते हुए कहा कि वैभव और अंकुश जैन इन कम्पनियों में हैं. उनका मेरा कोई रिश्ता नहीं है वहीं बस सरनेम एक है. जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि वो पार्टनर हैं. हालांकि इस दलील का विरोध करते हुए ईडी ने कहा कि इस मामले में अभी जांच चल रही है और आने वाले दिनों में इस केस में बड़ा बदलाव होगा, जिसकी जानकारी कोर्ट को दी जाएगी.
वहीं वकील सिंघवी ने ईडी के दलील के बाद यह तर्क दिया गया कि जैन के पास कोई अवैध संपत्ति या धन नहीं पाया गया. आगे दावा किया गया कि मुद्दे की रूपरेखा, जैसा कि विधेय अपराध में बताया गया है. ईडी द्वारा पीएमएलए के तहत अपराध का आरोप लगाने के लिए व्यापक नहीं किया जा सकता था. हालांकि मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा इस मामले में अगर इन्वेस्टिगेशन एजेंसी जांच कर रही है तो उसे जांच करने का पर्याप्त अधिकार है.
बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की अंतिम जमानत अवधि 11 जनवरी तक बढ़ा दी है, लेकिन 11 जनवरी को होने वाली सुनवाई में इसके से जुड़े हुए तमाम तथ्यों को लेकर एड अपनी जानकारी कोर्ट को भी देगी.
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FIRST PUBLISHED : January 10, 2024, 12:36 IST