मुजफ्फरपुर के पारू प्रखंड के लालू छपरा गांव की एक नाबालिग छात्रा का कथित तौर पर गैंगरेप के बाद हुई हत्या मामले में पुलिस ने कई चौंकाने वाला खुलासा किया है. एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि मेडिकल जांच और रिपोर्ट में रेप या गैंगरेप की पुष्टि नहीं हुई है. सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाया गया. इस कारण कुछ लोगों ने जातीय उन्माद, हिंसा और तनाव उत्पन्न करने का प्रयास किया.
हत्याकांड के मुख्य आरोपी संजय राय समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि, चर्चा है कि पुलिस अब अफवाह फैलाने वालों पर भी कार्रवाई करने के मूड में है. दरअसल, 12 अगस्त की सुबह को पारु प्रखंड के लालू छपरा गांव की एक नाबालिक छात्रा का हाथ-पैर बंधा हुआ शव गोपालपुर चौर के तालाब में मिला था. शव मिलने के बाद पूरे जिले में यह मामला कई दिनों तक गैंगरेप और हत्या के रूप गूंजता रहा.
लेकिन, पुलिस का कहना है कि एसकेएचसीएच के लेबोरेटरी/पैथोलॉजी रिपोर्ट में “NO SPERMATOZOA FOUND” लिखा हुआ है. इससे साबित होता है कि छात्रा से रेप या गैंगरेप नहीं हुआ था.
30 दिन में आरोपी की छात्रा से हुई थी 422 बार बात
एसएसपी राकेश कुमार की मानें तो आरोपी संजय राय का नाबालिग छात्रा (मृतका) से तीन और उसकी बड़ी बहन से छह साल से मधुर संबंध थे. दोनों बहनों का संजय से मिलना और मोबाइल पर घंटों बात करना होते रहता था. इस बात की जानकारी दोनों बहनों को भी थी और लड़कियों के गांव के कुछ युवकों को भी थी. संजय का मोबाइल कॉल डिटेल खंगालने पर पुलिस के भी होश उड़ गए. पुलिस को पता चला कि पिछले 30 दिनों के अंदर संजय और नाबालिग छात्रा के बीच 422 बार बात हुई थी.
इसमें 213 बार संजय ने छात्रा को कॉल किया था, जबकि 209 बार छात्रा ने संजय को कॉल किया था. अमूमन 12 से 13 बार प्रतिदिन दोनों के बीच बात हो रही थी. यही नहीं, छात्रा की बड़ी बहन और संजय के बीच भी मोबाइल पर बात होती थी. घटना की रात से लेकर अगली सुबह तक भी कई बार कॉल किया गया था.
अब पुलिस यह पता लगा रही है की घटना की रात से लेकर सुबह तक छात्रा की बड़ी बहन आखिर क्यों संजय को बार-बार कॉल कर रही थी. फिलहाल साइबर डीएसपी सीमा देवी को मृतका की बड़ी बहन से पूछताछ का जिम्मा सौंपा गया है.
गए थे रंग हाथ पकड़ने, कर दी लड़की की हत्या
पुलिस की मानें तो पिछले कुछ दिनों से आरोपी संजय, मृतका और उसकी बड़ी बहन के बीच किसी बात को लेकर आपस में कंफ्यूजन हो गया था. इसी कंफ्यूजन को दूर करने के लिए 11 अगस्त की देर शाम को संजय और मृतका गोपालपुर चौर के पास मिलने वाले थे. इसे लेकर दोनों के बीच मोबाइल पर बात भी हुई थी. इस बात की भनक मृतका के टोले के पंकज राम, चुन्नु पासवान, मुन्ना राम और उनके दो अन्य साथियों को भी हो गई थी.
इन पांचों ने प्लान बनाया की मृतका और संजय को रंगे हाथ पकड़कर समाज के सामने लाना है. देर शाम को जब संजय और मृतका चौर के पास मिले, तो धात लगाए रहे पंकज और उसके साथियों ने धावा बोल दिया. नोंक-झोंक में हुई हाथापाई के दौरान रड का वार लड़की के सिर पर हो गया. इससे वह बेहोश होकर गिर गई. इसके बाद पांचों वहां से भाग गए. लेकिन, संजय वहीं रूका रहा.
उसे लगा कि पोल खुल जाएगा, तो उसने ढैंचा की पत्ती से रस्सी बनाकर लकड़ी से लड़की को बांधकर गला दबा दिया और फिर शव को घसीटते हुए 20 मीटर दूर तालाब में फेंक दिया. अगली सुबह जब लाश मिली, तो अफवाह फैल गई की गैंगरेप के बाद छात्रा की हत्या कर दी गई है. पुलिस ने उन तीनों को भी गिरफ्तार कर लिया है. जबकि, उनके दो अन्य साथियों की तलाश कर रही है.
जातीय उन्माद फैला खूब हुई राजनीति
इस मामले में एक सप्ताह तक अफवाहों का बाजार भी गर्म रहा. जातीय उन्माद फैलाकर राजनीति भी खूब की गई. आरोपी के घर की कुर्की-जब्ती के बाद भी उसके पड़ोस के कई घर पर 250 से अधिक लोगों ने धावा बोल दिया. नुकसान पहुंचाने से मना करने पर पुलिस पर भी पथराव किया गया. इस मामले में औरंगाबाद के बहुजन नेता गोल्डन दास व अन्य 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
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FIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 11:15 IST