Monday, June 30, 2025
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This medicinal plant is a panacea for everything from liver to teeth. – News18 हिंदी


home / photo gallery / lifestyle / बीमारियों के काल हैं यह फल और पौधे, लिवर इंफेक्शन, दांत दर्द समेत कई रोगों में रामबाण

आज के दौर में देखने को मिल रहा है कि काफी लोग लिवर में इन्फेक्शन, बुखार, दांतों में दर्द की समस्या से पीड़ित नजर आते हैं. आयुर्वेदिक पद्धति में कई ऐसे पेड़ पौधे हैं, जो इन बीमारियों को ठीक करने में काफी उपयोगी मानते हैं.इनमें कचनार, अंजीर, बेर, कालमेघ,  वज्रदंती सहित विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे शामिल हैं. (रिपोर्ट- विशाल भटनागर/ मेरठ)

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आयुर्वेदिक पद्धति में अंजीर के फल को काफी उपयोगी माना जाता है. आजकल हर कोई मोटापे से परेशान है. ऐसे में अगर अंजीर के फल का उपयोग करेंगे. तो उससे मोटापा भी ठीक होगा. साथ ही पेट में कब्ज जैसी समस्याओं में भी निवारण मिलेगा. इसी के साथ-साथ ब्लड प्रेशर, हृदय से संबंधित रोग, डायबिटीज़ और अन्य प्रकार की बीमारियों में भी अंजीर का फल काफी उपयोगी माना जाता है. आप प्रतिदिन इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. इसके लिए आपको रात को अंजीर को पानी में भिगोकर रखना होगा. सुबह तीन से चार अंजीर  आप खा सकते हैं.

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बेर का फल काफी उपयोगी माना जाता है. जिस प्रकार से अब हृदय से संबंधित बीमारियां लोगों में देखने को मिल रही है. अगर लोग बेर खाएं तो यह हृदय को काफी स्वस्थ रखता है. साथ ही यह ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर ढंग से सुचारू करता है. इसी के साथ-साथ अगर किसी को ब्लड प्रेशर की  समस्या है. वह भी अपनी डाइट में बेर को शामिल करने लगे, तो उनको भी काफी राहत मिलेगी. दरअसल बेर के अंदर विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो स्वास्थ्य के लिए काफी बेहतर होते हैं.

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आज के दौर में देखने को मिल रहा है कि खान-पान जीवन शैली में जिस तरीके से बदलाव हुआ है, उसका सबसे ज्यादा असर हमारे दांतों पर ही देखने को मिल रहा है. जिस वजह से दांतों की चमक और दांतों में दर्द सहित विभिन्न प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं. जिसके लिए हम काफी दवाइयां भी उपयोग करते हैं. लेकिन अगर आप वज्रदंती की टहनी व पत्ते का उपयोग करने लगे तो दांतों में दर्द सहित विभिन्न प्रकार की समस्याओं का समाधान हो जाएगा.

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आयुर्वेदिक पौधे में कालमेघ में की बात की जाए. तो यह अपने नाम की तरह ही बीमारियों के लिए भी काल माना जाता है. अगर किसी भी व्यक्ति को लिवर से संबंधित बीमारी है या फिर काफी दिनों से बुखार से पीड़ित हैं, तो ऐसे सभी लोग कालमेघ की चार से पांच पत्तियां और  टहनियों को पानी में अच्छे से उबाल सकते हैं. जब वह काढ़े के रूप में हो जाए तो इसका उपयोग कर सकते हैं. इससे लिवर की दिक्कत और बुखार में काफी राहत मिलेगी.

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आयुर्वेद में कई ऐसे औषधीय पेड़ पौधों का वर्णन किया गया है, जो गंभीर से गंभीर बीमारी को भी ठीक करने में मददगार साबित होते हैं. विभिन्न प्रकार की दवाइयों में भी इन औषधीय पौधों का उपयोग किया जाता है. कुछ इसी तरह का उल्लेख कचनार पेड़ के बारे में मिलता है. इसकी छाल और पत्तियां लीवर इन्फेक्शन और मसूड़े में लगने वाले कीड़े को निकालने में काफी मददगार साबित हो सकती हैं. इसकी छाल का काढ़ा बनाकर जहां आप गरारा कर सकते हैं. वहीं इसकी पत्तियों का जूस बनाकर भी आप पी सकते हैं.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



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