पीयूष शर्मा/मुरादाबाद: अक्सर देखा जाता है कि हमारे आसपास बहुत सारे पेड़ पौधे होते हैं लेकिन हमें उन पेड़ पौधों की जानकारी नहीं होती है. बहुत से पेड़ पौधे ऐसे होते हैं जो औषधि के रूप में भी काफी कारागर माने जाते हैं. जिनका सेवन करने से हमारे शरीर की कई प्रकार की बीमारियों को दूर किया जा सकता है. तो वहीं उन्ही में से एक है जामुन का वृक्ष, जो आंखों की रोशनी को तरोताजा रखता है. इसके साथ ही फेफड़ों की बीमारी में भी है काफी उपयोगी माना जाता है और डायबिटीज में तो यह रामबाण इलाज का काम करता है. इसका हर भाग औषधि दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है.
हिंदू कॉलेज विश्वविद्यालय मैं वनस्पति विज्ञान में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात डॉक्टर जावेद ने बताया कि जामुन का वृक्ष मेटेसी फैमिली का सदस्य है. इसके साथ यह भारत, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका में भी यह पाया जाता है. यह एक ऐसा वृक्ष है इसका जिक्र हमारे पुराण वेदों और धार्मिक ग्रंथो में हुआ है. इसके साथ ही यह भी कहते हैं कि भगवान श्री राम जब 14 साल के बनवास पर गए थे. तो जंगल में उन्होंने जामुन का ही फल खाए थे. यह भी कहते हैं कि जो भगवान बुद्ध जब छोटे थे तो बचपन में इसकी छांव के नीचे बैठा करते थे. इसका हर एक पार्ट फायदेमंद है.
हर पार्ट है औषधि से भरपूर
इसके हर पार्ट को औषधीय दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके फ्रूट्स का हम सिरका भी बनाते हैं जिसे हम यूज करते हैं. पेट की बीमारियों में इस्तेमाल होता है. इसके साथ ही इसके अंदर फाइबर बहुत ज्यादा होते हैं. जामुन की जो गुठली होती है उसे हम डायबिटीज में इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ ही आंखों की रोशनी लाने में भी है काफी फायदेमंद होता है. मोतियाबिंद में भी इसे इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ इसमें भरपूर मात्रा में मिनरल्स पाए जाते हैं और विटामिन बी का यह महत्वपूर्ण सोर्स माना जाता है. जामुन खाने से पथरी की समस्या से निजात मिलती है.इसके लिए जामुन की गुठली के चूर्ण को दही के साथ मिलाकर खाना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : March 15, 2024, 14:59 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.