Friday, June 27, 2025
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Tihar Jail Criminals tremble on hearing the name what are the arrangements here jailer Deepak Sharma told the truth – News18 हिंदी


गौहर/दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली की हर जगह किसी ने किसी चीज के लिए मशहूर मानी जाती है. कुछ जगह पर्यटन की वजह से फेमस है, तो कुछ अपने नाम की वजह से. दिल्ली में ऐसी ही एक जगह तिहाड़ जेल है. हालांकि यह एक जेल है. लेकिन, लोगों में यह अपने नाम और अन्य कई कारणों की वजह से काफी ज्यादा प्रसिद्ध है. तिहाड़ जेल से जुड़ी कई कहानियां और कई बातें भी लोगों में काफी ज्यादा चर्चित हैं. इसकी हकीकत जानने के लिए Local 18 की टीम ने तिहाड़ जेल के जेलर दीपक शर्मा से बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने तिहाड़ जेल को लेकर क्या- क्या बताया है.

जेलर दीपक शर्मा ने बताया कि तिहाड़ जेल देश के आजाद होने के 10 साल बाद 1957 में बनकर तैयार हो गई थी. यह जेल दिल्ली के तिहाड़ गांव के पास बनाई गई थी. इसलिए इसका नाम तिहाड़ पड़ा. उन्होंने बताया कि जेल का विस्तार होता रहा और पूरे गांव में फैल गई. वहीं तिहाड़ जेल कितनी बड़ी है, उसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इस वक्त तिहाड़ जेल में लगभग 25,000 कैदी हैं.

जेल में खाने का क्या-क्या इंतजाम
Local18 की टीम से दीपक शर्मा ने बताया कि तिहाड़ जेल में इस वक्त वोडाफोन कॉल फैसिलिटी दी गई है, जिसमें कम्युनिकेशन कैदियों को इसका राइट है. इससे कैदी अपने परिवार को चिट्ठियां लिखकर भेज सकते हैं. लेकिन, चिट्टियां जेल प्रशासन की तरफ से जांच पड़ताल के बाद ही आगे भेजी जाती हैं. ताकि, उसमें किसी भी तरह की कोई ऐसी बात ना हो जिससे किसी को आपत्ति हो.  दीपक ने कहा कि जो भी फल और सब्जियां जेल में आती हैं. वह एक प्रॉपर मदर डेयरी के साथ टेंडर के जरिए ही जेल में आती है. हर रोज खाने में दाल, सब्जी, चावल और रोटी दी जाती है. त्योहारों पर मिठाई और अन्य तरह के खाने का भी इंतजाम किया जाता है.

कैदियों को कितने रुपये मिलते हैं?
Local 18 की टीम ने इस बात का जवाब जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि जेल में तीन कैटेगरी होती है. इसमें अन स्किल्ड, सेमी स्किल्ड और स्किल. कैदी जब जेल में आते हैं, तो उसे पहले काम सिखाया जाता है. कुछ महीने उसे काम के बदले 300 रुपये दिए जाते हैं. जब वह उस काम में थोड़ा माहिर हो जाता है, तो उसके बाद 350 रुपये दिए जाते हैं. उन्होंने आगे बताया कि जब एक साल तक किसी भी काम को परफेक्ट करने लगता है, तो उसे 400 रुपये मिलने लगते हैं.

गैंगस्टर काला जठेड़ी की कैसे हुई शादी?
इस सवाल के जवाब में दीपक ने बताया कि शादी को लेकर कोर्ट ने कस्टडी पैरोल दी थी. इसके मुताबिक उन्हें शादी के लिए कुछ घंटे का समय दिया गया था, जो कॉन्स्टिटूशनल राइट था. उन्होंने कहा कि विवाह के बाद फिर जेल में आना पड़ा. दीपक शर्मा ने आगे बताया कि इस तरह के कई मामलों में पैरोल दी जाती है. जैसे परिवार में किसी की मृत्यु हो जाने पर या फिर किसी को एग्जाम देना समेत कई अन्य मामलों में कोर्ट की तरफ से पैरोल दी जाती है.

Tags: Delhi news, Local18



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