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निजी एजेंसी से प्रोफेसर की बहाली के बाद कॉलेज इन अभ्यर्थियों की जांच करेगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रोफेसर की बहाली के लिए एजेंसियां तय की हैं। इन एजेंसियों से कॉलेजों को करार करना है। एजेंसी करार के बाद कॉलेजों को शिक्षक उपलब्ध कराएगी। इस बहाली के बाद कॉलेज खुद अभ्यर्थियों की जांच करेंगे। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के एक कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि एजेंसी से प्रोफेसर अभ्यर्थी के आने के बाद कॉलेज प्रशासन उनके दस्तावेजों की जांच करेगा। उच्च शिक्षा निदेशालय के अधकिारियों ने भी इस बारे में दिशा निर्देश दिया है। एजेंसी से आने वाले शिक्षकों को कक्षा में पढ़ाने का डेमो देना होगा। डेमो में पास होने के बाद ही उनकी कॉलेज में नियुक्ति होगी।
यूजीसी के मानकों पर करनी है बहाली
एजेंसी को बहाली के लिए यूजीसी के मानक अपनाने होंगे। प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर उन्हीं अभ्यर्थी को बनाना होगा जो पीएचडी या नेट पास होंगे। इसके लिए अभ्यर्थी को एजेंसी में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। एजेंसी से चयनित शिक्षकों को वेतन उनके काम के अनुसार ही दिया जायेगा।
प्रोफेसर को अधिकतम 40 हजार मासिक वेतन दिया जाएगा। यह वेतन कॉलेज की तरफ से ही दिया जाएगा।
अब तक किसी एजेंसी ने कॉलेज से नहीं किया है संपर्क
प्राचार्यों ने बताया कि अब तक किसी भी एजेंसी ने किसी भी कॉलेज से संपर्क नहीं किया है। एजेंसी के संपर्क करने के बाद ही उससे किसी भी तरह का करार किया जा सकता है। शिक्षकों की बहाली के अलावा कॉलेजों को एजेंसी से ही सामान और सफाई कर्मी भी रखने हैं। लेकिन, अब तक किसी कॉलेज में इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।
शिक्षकों की कमी दूर करने का दिया निर्देश
निदेशालय ने आठ जनवरी को सभी विश्वविद्यालय के साथ बैठक की थी। अधिकारियों ने शिक्षकों की कमी जल्द दूर करने का निर्देश दिया था। विवि प्रशासन से कहा कि एजेंसी से जल्द से जल्द करार कर शिक्षकों की बहाली कर ली जाए। कक्षाओं पर असर नहीं होना चाहिए। शिक्षकों के साथ कॉलेजों में लैबोरेट्री के लिए टेक्निशियन भी एजेंसी के माध्यम से ही बहाल होंगे।