Saturday, June 21, 2025
Google search engine
Homeविश्वUN में अफ्रीका को UNSC का परमानेंट सीट देने की मांग, भारत...

UN में अफ्रीका को UNSC का परमानेंट सीट देने की मांग, भारत ने की है बराबरी की वकालत


संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गैरबराबरी का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र बदलते वक्त के साथ नहीं बदला। साथ ही उन्होंने UNSC में अफ्रीका को स्थायी सदस्यता देने की भी वकालत की है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय बहस के दौरान एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि यूएनएससी बदलती दुनिया के साथ तालमेल बिठाने में विफल रही है। गौरतलब है कि भारत ने हमेशा से ही यूएनएससी में बदलाव और समान प्रतिनिधित्व की मांग की है।

अल जजीरा के मुताबिक अफ्रीका के लिए एक स्थायी सीट की वकालत करते हुए गुटेरेस ने कहा, “यह स्वीकार करने लायक बात नहीं है कि दुनिया के प्रमुख शांति और सुरक्षा संगठन में एक अरब से अधिक लोगों वाले महाद्वीप के लिए स्थायी सीट नहीं है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा व्यवस्था के तहत अफ्रीका के अंदर और वैश्विक स्तर पर शांति और सुरक्षा के मामले में अफ्रीका के आवाज नहीं सुनी गई है। मौजूदा व्यवस्था के तहत यूएनएससी में वर्तमान में 15 सदस्य हैं जिनमें वीटो पावर वाले पांच स्थायी सदस्य- चीन, फ्रांस, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं। अन्य दस सीटें अस्थायी हैं जो क्षेत्रीय रूप से बांटी गई हैं। इनमें से तीन अफ्रीकी देशों के लिए निर्धारित की गई है।

जल्द से जल्द सुधार की जरूरत- संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष

वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने भी गुटेरस का बातों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “यह तथ्य कि सुरक्षा परिषद में अफ्रीका का स्पष्ट रूप से कम प्रतिनिधित्व है। यह बिल्कुल गलत है क्योंकि यह समानता और समावेशन के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।” फ्रांसिस ने कहा, “इस संस्था में जल्द से जल्द सुधार की जरूरत है ताकि यह दुनिया को उस तरह से ना दिखाए जैसा कि यह लगभग 80 साल पहले थी।”

UNSC को 21 सदी के लायक बनाने की जरूरत- भारत

इससे पहले कई मौकों पर भारत ने कहा है कि यूएनएससी में तत्काल बदलाव की जरूरत है। बीते मार्च में भारत की ओर से आवाज उठाते हुए उन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा था कि ग्लोबल साउथ के देश बिना सीट, बिना अधिकार और बिना आवाज के यूएनएससी में आते हैं और चले जाते हैं। उन्होंने कहा था कि परिषद में और सदस्यों को शामिल कर यूएनएससी को 21 सदी के लायक बनाने की जरूरत है।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments