Sunday, February 23, 2025
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Urdu Poetry: मेरी किस्मत में गम गर इतना था, दिल भी या-रब कई दिए होते- मिर्ज़ा ग़ालिब


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News18

मिर्ज़ा ग़ालिब सारी उम्र किराए के मकान में रहे. उनका अपना कुछ नहीं था, उन्होंने कभी कुछ इकट्ठा भी नहीं किया, उनकी रचनाएं ही उनकी जमापूंजी थीं, जिसने उन्हें शाही दरबार से लेकर, रईसों और आम लोगों को उनका फैन बनाया.



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