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US presidential election 2024: जो बाइडेन ने अमेरिका के राष्ट्रपति उम्मीदवार की दौड़ से खुद को अलग कर लिया है। उनके इस फैसले से डेमोक्रेट के कैंपेन को झटका लगा है। वैसे तो बाइडेन ने कमला हैरिस का नाम आगे बढ़ाया है, लेकिन यह इतना भी आसान नहीं होने जा रहा है। बराक ओबामा और नैंसी पेलोसी जैसे दिग्गजों ने अभी कमला हैरिस को अपना समर्थन नहीं दिया है। वैसे तो जो बाइडेन जनवरी 2025 तक राष्ट्रपति बने रहेंगे। वहीं, कमला हैरिस भी उपराष्ट्रपति रहेंगी, लेकिन सिर्फ इतने से ही वह राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवार नहीं बन जाएंगी। इसके लिए एक निश्चित प्रक्रिया है, जिसका पालन करके डेमोक्रेट अपना नया उम्मीदवार चुनेंगे।
डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में पार्टी के नए उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगेगी। कमला हैरिस को अगर उम्मीदवार बनना है तो उन्हें इसकी पूरी प्रक्रिया का पालन करना होगा। असल में राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए कमला हैरिस अकेली दावेदार नहीं हैं। उनके अलावा कई अन्य नाम भी चर्चा में हैं। इन नामों में कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम, मिशिगन के गवर्नर ग्रेचेनर व्हाइटमर, इलिनॉयस के गवर्नर जेबी प्रीटिज्कर और पेन्सिलवेनिया के गवर्नर जॉश शैपिरो के नाम भी हैं। एरिजोना के सीनेटर मार्क केली को भी एक तगड़ा दावेर बताया जा रहा है।
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क्या कमला हैरिस सबसे आगे
हां, कमला हैरिस की दावेदारी सबसे तगड़ी है। उनके पास बाइडेन के कैंपेन फंड्स का एक्सेस है। इसके अलावा चार साल पहले बाइडेन-हैरिस टिकट के समय भी कई वोटरों का समर्थन मिला था। इसके अलावा उनके पास बाइडेन का समर्थन भी नहीं है। डेमोक्रेटिक प्रतिष्ठान भी कमला हैरिस के पीछे लामबंद हैं। हालांकि कमला हैरिस की अप्रूवल रेटिंग भी बाइडेन के जैसी ही है, जो अन्य उम्मीदवारों के लिए एक अवसर हो सकती है।
ऐसे होगा चुनाव
हालांकि प्राइमरी चुनाव हो चुके हैं, जिसमें बाइडेन ने जबर्दस्त ढंग से जीत हासिल की थी। नामांकन प्रक्रिया अब लगभग 3,900 डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन प्रतिनिधियों के पास जाएगी जो पार्टी के उम्मीदवार का चयन करेंगे। अपने राज्यों के डेमोक्रेटिक मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले ये प्रतिनिधि उम्मीदवार चुनने के लिए सम्मेलन में मतदान करेंगे। यह प्रतिनिधि एक विविध समूह हैं, जिनमें वकील, स्कूल बोर्ड के सदस्य, श्रमिक कार्यकर्ता, विश्वास नेता, आजीवन डेमोक्रेट और पार्टी के नवागंतुक शामिल हैं। अधिकांश प्रतिनिधियों ने बाइडेन को समर्थन का वादा किया था। लेकिन अब बाइडेन की वापसी के बाद, वे अपनी पसंद के लिए मतदान करने के लिए स्वतंत्र हैं।
3900 प्रतिनिधियों के अलावा 700 ऑटोमैटिक डेलीगेट्स भी हैं। इसमें गवर्नर, कांग्रेस के सदस्य और डेमोक्रेटिक पार्टी के अधिकारी शामिल हैं। यह पहले कन्वेंशन रोल कॉल वोट में मतदान नहीं करते हैं। लेकिन अगर किसी उम्मीदवार को प्रारंभिक वोट में बहुमत नहीं मिलता है तो वे वोटिंग पूल में शामिल हो जाते हैं। जो भी नया राष्ट्रपति उम्मीदवार चुना जाएगा, वह अपने उपराष्ट्रपति को चुनेगा। इसके अप्रूवल में भी डेलीगेट्स अहम भूमिका निभाएंगे।