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World Hindi Diwas speech : आज 10 जनवरी को भारत समेत दुनिया भर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। आज का दिन ( World Hindi Day ) हर भारतीय और हिंदीभाषियों के लिए गर्व का दिन है। आज हिंदी दुनिया की सबसे ताकतवार भाषाओं में शामिल है। वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के अलावा हिंदी को लेकर दुनियाभर के तमाम देशों में बसे भारतीयों को एक सूत्र में बांधने के लिए भी विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर देश और दुनिया में हिंदी के प्रचार प्रसार में कई तरह के कार्यक्रम व सम्मेलन होते हैं। विश्वभर में फैले भारत के दूतावासों, विदेशों के विश्वविद्यालयों की हिन्दी शिक्षण पीठों में, भारत के सभी सरकारी कार्यालयों, विश्वविद्यालयों, स्कूलों भिन्न-भिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है जिससे कि हिन्दी के बारे में व्यापक प्रचार- प्रसार किया जा सके। अगर आप इस मौके पर भाषण देने की योजना बना रहे हैं तो नीचे दी गई स्पीच से उदाहरण ले सकते हैं –
World Hindi Diwas speech : यहां पढ़ें हिंदी दिवस पर भाषण
आदरणीय प्रिंसिपल सर/शिक्षण गण/ अतिथिगण एवं मेरे प्यारे साथियों,
आज दुनिया का ऐसा कोई कोना नहीं है जहां भारतीय न हो। आज विश्व हिंदी दिवस है और यह दिन विदेशों में बसे इन भारतीयों को एक सूत्र में बांधने का काम करता है। कोई भी हिन्दुस्तानी जहां भी हो, दूसरे हिंदुस्तानी से हिन्दी भाषा के जरिए ही अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करता है। अपनी दिल और मन की बात अगर किसी भाषा में सहजता से की जा सकती है तो वो हिंदी ही है। हिंदी केवल हमारी मातृभाषा ही नहीं अपितु यह राष्ट्रीय अस्मिता और गौरव का प्रतीक है। भारत के साथ ही विदेशों में बसे भारतीयों को हिंदी भाषा ही एकजुट करती है, इसलिए इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। भाषा की मनुष्य के जीवन में अहम भूमिका है। भाषा के माध्यम से ही देश ही नहीं बल्कि विदेशों के साथ संवाद स्थापित किया जा सकता है।
साथियों, साल 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने दुनिया भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए
और इसे बढ़ावा देने के लिए हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने का ऐलान किया था। इसके बाद से हर साल इस दिन को धूमधाम के साथ मनाया जाता है। पहले विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में किया गया था। भारत में ही नहीं, फिलीपींस, मॉरिशस, नेपाल, सूरीनाम, फिजी, तिब्बत, त्रिनिदाद और पाकिस्तान में भी हिंदी बोली जाती है।
विश्व हिंदी दिवस की हर साल एक थीम भी रखी जाती है। साल 2024 में हिंदी दिवस की थीम है – ‘हिंदी- पारंपरिक ज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को जोड़ना’ ।
आज हिंदी दुनिया की सबसे ताकतवार भाषाओं में शामिल है लेकिन आपको यह भी बता दें कि हिंदी को हम हमारी राष्ट्रभाषा के तौर पर स्थापित क्यों नहीं कर पाए। हिंदी आज भी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है बल्कि राजभाषा है यानि राज्य के कामकाज में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा। हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर 1949 को मिला था लेकिन राष्ट्रभाषा को लेकर लंबी बहसें चलीं पर नतीजा कुछ नहीं निकला।
साथियों, विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर सभी भारतीयों को हिन्दी को दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिए। इसी के साथ मैं अपने भाषण का समापन करता हूं।
धन्यवाद, जय हिंद। जय भारत।