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आजीवन सीखना आज न केवल अनिवार्य है बल्कि एक परम आवश्यकता भी है: श्री जयन्त चौधरी

आजीवन सीखना आज न केवल अनिवार्य है बल्कि एक परम आवश्यकता भी है: श्री जयन्त चौधरी

नई दिल्ली, जुलाई 5, 2024कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने आज स्किल्स ब्रिज मास्टरक्लास सीरीज में अपने संबोधन के दौरान डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और कोलैबोरेटिव लर्निंग मॉडल की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। यह फ्यूचर ऑफ वर्क के लिए आजीवन सीखने (एलएलएल) को बढ़ावा देने पर केंद्रित है और वेबिनार का विषय – एआई-पॉवेरेड स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) फॉर ए फ्यूचर रेडी वर्कफोर्स था। इसका आयोजन राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी)अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ)विश्व बैंक और यूनेस्को द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। वेबिनार में 120 से अधिक प्रतिनिधियों और 3000 प्रतिभागियों ने भाग लियाजिसमें चर्चा का विषय डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चरवर्क बेस्ड लर्निंग मॉडल और कौशल और आजीवन सीखने के इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए इंडस्ट्री एकेडेमिया पार्टनरशिप का लाभ उठाना था।

इस वेबिनार में सिएरा लियोन सरकार के टेक्निकल एंड हायर एजुकेशन मिनिस्टर डॉ. हाजा रामातुलई वुरीआर्मेनिया सरकार के लेबर एंड सोशल अफेयर मामलों के डिप्टी मिनिस्टर श्री रूबेन सार्गस्यानकौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारीदक्षिण एशिया के लिए आईएलओ डिसेंट वर्क टीम और भारत के लिए कंट्री ऑफिस के ऑफिसर इन-चार्ज श्री रवि पीरिसयूनेस्को के पॉलिसी एंड लाइफलॉन्ग लर्निंग सिस्टम के डायरेक्टर श्री बोरहेन चाकरूनभारत में नैसकॉम की अध्यक्ष सुश्री देबजानी घोषविश्व बैंक की लीड एजुकेशन स्पेशलिस्ट सुश्री शबनम सिन्हाडॉ.अश्विनी अग्रवालवर्कग्रुप लीडर (स्किल और लाइफलॉन्ग लर्निंग पॉलिसीसिस्टम और डिजिटलाइजेशन)आईएलओ जिनेवाएनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी श्री वेद मणि तिवारी और एनएसडीसी और एनएसडीसी इंटरनेशनल की सीटीओ सुश्री श्रेष्ठ गुप्ता ने भाग लिया। 

अपने संबोधन के दौरानकौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)श्री जयन्त चौधरी ने कहा, “हम चौथी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत देख रहे हैंजहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसमशीन लर्निंग और ऑटोमेशन इंडस्ट्री को पुनर्परिभाषित कर रहे हैं। इस परिदृश्य मेंआज हम जो कौशल हासिल करते हैंवे कल अप्रचलित हो सकते हैं। इसलिएआजीवन शिक्षा को अपनाना आज न केवल अनिवार्य हैबल्कि एक परम आवश्यकता है। इस विज़न के अनुरूपभारत सरकार एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जो आजीवन शिक्षा को बढ़ावा दे।”

उन्होंने आगे कहाइस बदलाव के केंद्र में स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) हैजो इस बात का एक प्रमुख उदाहरण है कि कैसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चक सीखने और कौशल विकास में क्रांति ला सकता है। सिद्ध सिर्फ एक प्लेटफॉर्म नहीं हैयह एक विश्वसनीय और पारदर्शी इकोसिस्टम है जो हमारे विशाल स्किलिंग लैंडस्केप के विविध एलिमेंट्स को जोड़ता है।”

एनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी श्री वेद मणि तिवारी और एनएसडीसी और एनएसडीसी इंटरनेशनल की सीटीओ सुश्री श्रेष्ठा गुप्ता ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों और दर्शकों के सामने सिद्ध प्लेटफॉर्म का प्रदर्शन किया। इस प्लेटफॉर्म की प्रशंसा की गई क्योंकि प्रदर्शन में त्वरित रजिस्ट्रेशन और एआई-संचालित जॉब एक्सचेंज जैसी सुविधाओं के साथ कौशल प्रशिक्षण को सुव्यवस्थित करने में सिद्ध की भूमिका पर प्रकाश डाला गयाजिसका उद्देश्य कौशल अंतर को पाटना और व्यक्तियों को फ्यूचर रेडी स्किल्स के साथ सशक्त बनाना है।

स्किल इंडिया डिजिटल हब को अपनाने के विस्तार पर एक पैनल चर्चा के दौरानसिएरा लियोन सरकार के टेक्निकल एंड हायर एजुकेशन मिनिस्टर डॉ.हाजा रामातुलई वुरी ने कहासिएरा लियोन के युवाओं में डिजिटल शिक्षा की अपार संभावनाएं हैंलेकिन स्मार्टफोन की सीमित पहुंचइंटरनेट कनेक्टिविटीबिजली और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी उनकी प्रगति में बाधा बन रही है। उत्कृष्टता केंद्रोंमजबूत पाठ्यक्रमों और सेक्टर मैपिंग का लाभ उठाने से हमें इस उभरते परिदृश्य को नेविगेट करने में मदद मिल सकती है। स्किल इंडिया डिजिटल हब जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म इस बात का उदाहरण हैं कि गतिशील वातावरण में पहुँचविस्तार और शिक्षा को कैसे एकीकृत किया जाए।

आर्मेनिया सरकार के लेबर एंड सोशल अफेयर मामलों के डिप्टी मिनिस्टर श्री रूबेन सार्गस्यान ने आगे कहा, “हम आर्थिक विकाससमावेशिता और बेहतर सार्वजनिक सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी लेबर मार्केट मैकेनिज्म बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मंत्रालयों और निजी क्षेत्र के साथ सहयोग करकेहमारा लक्ष्य उद्योगों को पुनर्जीवित करना और युवाओं को उद्यमिता और न्यू-एज स्किल्स में कौशल बढ़ाने के अवसर प्रदान करना है। इसलिएडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म प्रशिक्षणजॉब प्लेसमेंट और आउटकम-ड्रिवेन फाइनेंस सिस्टम को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैंजो एक समावेशी और सस्टेनेबल फ्यूचर का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने स्केलेबल और सस्टेनेबल स्किल एन्हांसमेंट में डिजिटल प्लेटफॉर्म की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) को एक प्रमुख पहल के रूप में रेखांकित कियाजो अपने समावेशीटेक्नोलॉजी-ड्रिवेन अप्रोच के माध्यम से कौशल विकास में क्रांति ला रहा है।

इस चर्चा में डिजिटल परिवर्तन से जुड़ी अनेक संभावनाओं और चुनौतियों पर प्रकाश डाला गयाजिसमें स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) पर विशेष ध्यान दिया गयाजो डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) का एक प्रमुख उदाहरण हैजो सीखने और कौशल विकास में क्रांति ला रहा है। इस वेबिनार में भारत से प्राप्त रोचक केस स्टडीज पर प्रकाश डाला गयाजिसमें स्किलिंगरीस्किलिंग और अपस्किलिंग संबंधी पहलों के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजीज का लाभ उठाने के लिए इनोवेटिव अप्रोच का प्रदर्शन किया गया। ये जानकारियां डायनमिक जॉब मार्केट के अनुकूल ढलने और वैश्विक चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने में सहायक होंगी।

वेबिनार के दौरानप्रतिभागियों ने कौशल और आजीवन शिक्षण प्रणालियों और कार्यक्रमों के भीतर डिजिटल टेक्नोलॉजी के अभिनव अनुप्रयोगों पर गहन चर्चा की। इसके अतिरिक्तचर्चा का उद्देश्य इस बात की व्यापक समझ को बढ़ावा देना था कि डिजिटल प्रगति वैश्विक स्तर पर शिक्षण और कौशल विकास में किस तरह क्रांति ला सकती है। सेशन के दौरान ग्लोबल स्किल ट्रांसफॉर्मेशन में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गयाजिसमें इस क्षेत्र में देश के अग्रणी प्रयासों पर जोर दिया गया। स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) को एक स्केलेबल मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया गयाजो समावेशी विकास के लिए महत्वपूर्ण स्थायी कौशल वृद्धि को दर्शाता है।

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