कोका-कोला इंडिया की मैदान साफ पहल के साथ सस्टेनेबिलिटी का उदाहरण प्रस्तुत कर रहा महा कुम्भ 2025
- भारत के इस सबसे बड़े आयोजन में प्रदर्शित किए जा रहे कचरा प्रबंधन के अनूठे तरीके औररीसाइकिल्ड प्लास्टिक से बने उत्पाद, रीसाइकिलिंग के प्रति बढ़ा रहे जागरूकता
- करोड़ों लोगों को पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं और पर्यावरण संरक्षण के कदमों को अपनाने में बना रहे सक्षम
नई दिल्ली, 15 जनवरी, 2025: कोका-कोला इंडिया और इसके फाउंडेशन आनंदन ने महा कुम्भ 2025 के दौरान पर्यावरण के अनुकूल कदमों को बढ़ावा देने के लिए पीएचडी रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन (पीएचडीआरडीएफ) और प्रयागराज मेला प्रशासन (पीएमए) के साथ गठजोड़ किया है। इस साझेदारी के तहतकचरा प्रबंधन एवं रीसाइकिलिंग के लिए इनोवेटिव सॉल्यूशंस को बढ़ावा देते हुए सामाजिक एवं पर्यावरणीय प्रभाव सृजित करने पर फोकस किया गया है।
मैदान साफ कैंपेन के तहत कोका-कोला इंडिया ने सफाई कर्मियों, नाविकों और कचरा प्रबंधन में लगे वॉलंटियर्स के बीच 21,500 रीसाइकिल्ड पीईटी जैकेट्स वितरित की हैं। इसमें स्वच्छ कुम्भ पहल से जुड़े सफाई कर्मियों को 10,000 जैकेट, नदी पार करते समय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 4000 नावों को चलाने वाले नाविकों को 10,000 लाइफ जैकेट और कचरा प्रबंधन के लिए काम कर रहे वॉलंटियर्स को 1,500 जैकेट प्रदान की गई हैं। इन जैकेट्स की मदद से इन कर्मियों की सुरक्षा और आसान पहचान सुनिश्चित होती है, साथ ही रीसाइकिल्ड प्लास्टिक की परिवर्तनकारी क्षमता भी सामने आती है। इससे यहां आने वाले लोग कचरे के पुन: प्रयोग और उससे जुड़ी संभावनाओं के बारे में सोचने के लिए प्रेरित होंगे। इसके अतिरिक्त, कोका-कोला इंडिया ने महिलाओं के लिए 1,000 चेंजिंग रूम भी बनाए हैं। नदी घाटों पर 12 किलोमीटर में इन चेंजिंग रूम को पूरी तरह से रीसाइकिल की हुई मल्टी लेयर्ड प्लास्टिक से बनाया गया है। यहां आने वाली महिलाओं की निजता को ध्यान में रखते हुए कपड़े बदलने के लिए इन चेंजिंग रूम को तैयार किया गया है। इन पर भारत के टॉप इलस्ट्रेटर्स के इलस्ट्रेशन प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें अरावनी आर्ट प्रोजेक्ट, गायसी फैमिली और प्रियांकर गुप्ता जैसे नाम शामिल हैं। इन इलस्ट्रेशन की मदद से कचरा पृथक्करण और रीसाइकिलिंग को एक रोचक और खूबसूरत प्रयास में बदल दिया गया है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की सामाजिक इकाई पीएचडी रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन (पीएचडीआरडीएफ) के सीईओ विवेक व्यास ने कहा, ‘महाकुम्भ मेला विश्वास, संस्कृति एवं परंपरा का पवित्र संगम है, जिसमें दुनियाभर से करोड़ों लोग जुटते हैं। कोका-कोला इंडिया के साथ यह साझेदारी इस ऐतिहासिक आयोजन के दौरान पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। चेंजिंग रूम, लाइफ जैकेट और हाइड्रेशन कियोस्क जैसी रीसाइकिल्ड प्लास्टिक से जुड़ी पहल को पेश करते हुए हम स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल कुम्भ को लेकर एक मानक स्थापित कर रहे हैं। ये प्रयास स्वच्छ एवं सुरक्षित कुम्भ के हमारे लक्ष्य के अनुरूप हैं, जहां आने वाली पीढ़ियों पर स्थायी प्रभाव डालने के लिए आधुनिक तकनीकों को पारंपरिक मूल्यों के साथ जोड़ा गया है।’
कोका कोला इंडिया की वाइस प्रेसिडेंट देवयानी राणा ने कहा, ‘कोका कोला इंडिया में हम सार्थक बदलाव लाने में इनोवेशन की ताकत पर विश्वास करते हैं। ये पहल दिखाती हैं कि कैसे रीसाइकिलिंग की मदद से हम कचरे को मूल्यवान संसाधन बना सकते हैं। मैदान साफ पहल के माध्यम से हमारा लक्ष्य करोड़ों लोगों को कचरा कम करने में मदद की दिशा में साझा कदम उठाने के लिए प्रेरित करना और कचरा प्रबंधन की व्यवस्था को बेहतर बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करना है। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग का पुन: प्रयोग किया जा सके।’
इस लक्ष्य पर आगे बढ़ते हुए कोका-कोला इंडिया ने रेलवे स्टेशनों, फूड कोर्ट्स और शहर के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर रिवर्स वेंडिंग मशीनें (आरवीएम) स्थापित की हैं, जिससे पीईटी वेस्ट का कलेक्शन एवं उनकी रीसाइकिलिंग हो सके। साथ ही प्रभावी कचरा प्रबंधन के लिए साझेदारियां की गई हैं। इसके अतिरिक्त, हर 400 मीटर पर कोका-कोला के हाइड्रेशन कार्ट्स स्थापित किए गए हैं, जिनमें पुरानी बोतलों को कलेक्ट करने के लिए बिल्ट-इन बिन बनाए गए हैं। इससे स्रोत पर ही खाली बोतलों को एकत्र किया जा सकेगा। साथ ही क्रिएटिव आर्टवर्क के माध्यम से यहां आने वालों को कचरा पृथक्करणऔर कचरे को मूल्यवान संसाधन बनाने में सक्रिय सहभागिता के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इन पहलों के माध्यम से कोका-कोला इंडिया, पीएचडीआरडीपी और पीएमए साथ मिलकर महा कुम्भ 2025 को इस बात के उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करेंगे कि कैसे सही कदम उठाकर प्रभावी परिवर्तन लाना संभव है।