Saturday, February 22, 2025
Google search engine
Homeएजुकेशनटोयोटा सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम (टीएसईपी) ने 'बच्चे-से-सामुदायिक नजरिया' अपनाकर सड़क सुरक्षा चैंपियन...

टोयोटा सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम (टीएसईपी) ने ‘बच्चे-से-सामुदायिक नजरिया’ अपनाकर सड़क सुरक्षा चैंपियन बनाकर महत्वपूर्ण प्रगति की है

टोयोटा सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम (टीएसईपी) ने ‘बच्चे-से-सामुदायिक नजरिया’ अपनाकर सड़क सुरक्षा चैंपियन बनाकर महत्वपूर्ण प्रगति की है

बैंगलोर, 09 फरवरी 2024: सड़क सुरक्षा की दिशा में एक ठोस प्रयास के तहत, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) अपने टोयोटा सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम (टीएसईपी) – ‘सड़क सुरक्षा – मेरा अधिकार मेरी जिम्मेदारी’ के जरिये एक सुरक्षित सड़क माहौल बनाने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इस क्रम में, कंपनी ने आईआईएससी, बैंगलोर में आयोजित अपने टीएसईपी वार्षिक कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। इसमें श्री एमएन अनुचेथ, आईपीएस, संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात), कर्नाटक सरकार, मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। श्री सी. मल्लिकार्जुन, कर्नाटक सरकार के अतिरिक्त परिवहन आयुक्त, सम्मानित अतिथि थे। डॉ. जी. गुरुराज, पूर्व निदेशक, एनआईएमएचएएनएस (राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका-विज्ञान संस्थान) और सड़क सुरक्षा पर सलाहकार, जूरी सदस्य (आईआईएससी, आईआईएम, मीडिया आदि के प्रतिनिधि) और टीकेएम के वरिष्ठ कार्यकारी – श्री सुदीप एस. दलवी, मुख्य संचार अधिकारी और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट तथा निदेशक भी इसमें मौजूद थे।

भविष्य के सड़क उपयोगकर्ताओं में जिम्मेदारी की भावना पैदा करने के मिशन के साथ, टीकेएम ने रणनीतिक रूप से टीएसईपी को डिजाइन किया है ताकि स्कूली बच्चों तक पहुंच सके और उन्हें सड़क सुरक्षा राजदूतों में बदल दिया जा सके।
टीएसईपी एक विशिष्ट एबीसी दृष्टिकोण अपनाता है। इसमें ए से अवेयरनेस, जागरूकता बी से बिहेवीयर यानी व्यवहार और सी से कैमपेन या अभियान शामिल है। इस तरह, ए के तहत – सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, बी व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देना और सी कैमपेन यानी प्रभावशाली अभियान में संलग्न होना है। यह कार्यक्रम सड़क सुरक्षा नियमों की गहन समझ पैदा करने, सकारात्मक और व्यवहारिक परिवर्तनों को प्रेरित करने और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई एक मजबूत पहल के रूप में काम करता है। इसके अलावा, टीएसईपी शिक्षकों और उनकी क्षमता निर्माण के लिए अच्छी तरह से डिजाइन किए गए सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करके स्कूलों को भी लाभान्वित करता है। इससे वे इस महत्वपूर्ण मामले पर बच्चों को और अधिक प्रशिक्षित करने में सक्षम होते हैं, जबकि यह इस विषय को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में भी काम करता है। टीएसईपी के लागू होने के बाद, 31 स्कूलों ने इंटर स्कूल क्लब गतिविधि में भाग लिया। इनमें, कक्षा 5वीं से 9वीं तक 25 क्लबों को अंतिम रूप दिया गया। इसमें भाग लेने वाले स्कूलों के आधार पर ग्रेड-विशिष्ट प्रतिस्पर्धी सड़क सुरक्षा संचालित गतिविधियों द्वारा 5-5 सदस्यों की एक टीम बनाई गई। इसके अलावा, कक्षा-वार थीम तैयार की गईं, जिसमें कक्षा 5 के छात्रों द्वारा पोस्टर बनाना, कक्षा 6 के छात्रों द्वारा सड़क सुरक्षा अधिनियम, कक्षा 7 के छात्रों द्वारा मैड एड, कक्षा 8 के छात्रों द्वारा भाषण प्रतियोगिता और कक्षा 9 के छात्रों द्वारा तथ्य वीडियो प्रतियोगिता शामिल थी। टीएसईपी क्लब गतिविधियों के दौरान, भाग लेने वाले स्कूलों ने अपनी शीर्ष प्रविष्टियाँ प्रस्तुत कीं और सर्वश्रेष्ठ टीम का चयन तीन प्राथमिक मूल्यांकन मानदंडों के आधार पर किया गया। इनमें के नॉलेज यानी ज्ञान एल लेवल या स्तर, बी बिहेवयर यानी व्यवहार और सी एल चेंज यानी परिवर्तन स्तर हैं और एस स्कूल की रुचि के लिए है। स्कूलों में टीएसईपी के कार्यान्वयन के दौरान कक्षा 5, 7, और 9 के लिए शॉर्टलिस्टिंग पूरी की गई, कक्षा 6 और 8 को जूरी राउंड के माध्यम से कार्यक्रम के दिन शॉर्टलिस्ट किया गया। स्कूली बच्चों द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए टीएसईपी विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार प्राप्त हुए, टीएसईपी वार्षिक कार्यक्रम के दौरान उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ शिक्षक’ ‘सर्वश्रेष्ठ स्कूल’ और ‘एसोसिएशन का प्रमाण पत्र’ से सम्मानित किया गया, जिसे मुख्य अतिथि के साथ सम्मानित अतिथियों और टोयोटा नेतृत्व द्वारा प्रस्तुत किया गया। सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उत्साह, अच्छी सीख, सक्रिय भागीदारी और योगदान की सराहना की गई।

भारत अपनी विशाल आबादी और विविध सड़क नेटवर्क के साथ, हर साल बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाओं का सामना करता है। कैलेंडर वर्ष 2022 की रिपोर्ट से * पता चलता है कि सड़क दुर्घटनाओं की संख्या, मारे गए व्यक्तियों की संख्या और घायलों की संख्या में पिछले वर्षों की तुलना में क्रम से 11.9%, 9.4% और 15.3% की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, 2022 के दौरान घातक सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों में 18 से 45 वर्ष की आयु के युवा वयस्कों का प्रतिशत 66.5 था। * सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की परिवहन अनुसंधान शाखा, भारत सरकार के प्रकाशन, रोड एक्सीडेंड्स इन इंडिया (‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं’) 2022 के अनुसार इस संबंध में, टीकेएम सक्रिय रूप से टीएसईपी के माध्यम से इस मुद्दे को संबोधित कर रहा है, एक दूरदर्शी ‘सी चाइल्ड टू सी कम्युनिटी’ दृष्टिकोण अपना रहा है जो सुरक्षित कारों के निर्माण से आगे है, ताकि सड़कों पर व्यक्तियों की सुरक्षा को सक्रिय रूप से सुनिश्चित किया जा सके। स्कूली बच्चों पर विशेष ध्यान देने के साथ, टीएसईपी का लक्ष्य उनके स्थानीय समुदायों के भीतर भी सड़क सुरक्षा प्रथाओं को प्रभावित करने और सुविधाजनक बनाने के लिए परिवर्तन एजेंटों को विकसित करना है।

टीएसईपी वार्षिक कार्यक्रम में उपस्थित, श्री एमएन अनुचेथ , आईपीएस, संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) – कर्नाटक सरकार, ने कहा, “हम टोयोटा सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम (टीएसईपी) के माध्यम से सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने में उनके सक्रिय प्रयासों के लिए टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की सराहना करते हैं जिससे शून्य सड़क मृत्यु दर के लक्ष्य में योगदान मिलता है। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और मौतों से जूझ रहे देश में, टीएसईपी जैसी पहल कम उम्र से ही जिम्मेदार सड़क व्यवहार की संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। टीएसईपी के माध्यम से अपनाया गया ‘बच्चे से समुदाय’ दृष्टिकोण दूरदर्शी है, क्योंकि यह न केवल स्कूली बच्चों के बीच सड़क सुरक्षा सीखने में सक्षम बनाता है, बल्कि उन्हें अपने स्थानीय समुदायों के भीतर बदलाव का समर्थक बनने के लिए भी सशक्त बनाता है। टीएसईपी राज्य में व्यापक सड़क सुरक्षा पहल की तत्काल आवश्यकता के अनुरूप है।”

टीएसईपी वार्षिक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के मुख्य संचार अधिकारी, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एंड डायरेक्टर श्री सुदीप एस. दलवी ने कहा, “टीएसईपी का लक्ष्य अगली पीढ़ी को परिवर्तन के वास्तुकार बनने के लिए सशक्त बनाना, अच्छे सड़क व्यवहार को विकसित करना है जो स्टीयरिंग व्हील से कहीं आगे तक फैला हो। हमारा लक्ष्य न केवल बच्चों के बीच सड़क सुरक्षा सीखने को प्रोत्साहित करना है, बल्कि स्कूलों से लेकर बड़े समुदाय तक फैलने वाले प्रभाव को प्रेरित करना और पैदा करना है। इससे टीएसईपी जैसी प्रभावी सड़क सुरक्षा पहल के माध्यम से एक स्थायी दृष्टिकोण अपनाया जा सके। जैसा कि हम विभिन्न सड़क सुरक्षा पहलों के माध्यम से 7,90,000 से अधिक स्कूली बच्चों तक पहुंचने की सफलता को देखते हैं, हम एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं जहां स्कूली बच्चे न केवल सड़क उपयोगकर्ता हों, बल्कि जिम्मेदार भी हों।
इसके अतिरिक्त, कंपनी द्वारा की गई विभिन्न सड़क सुरक्षा पहल (जैसे टोयोटा हैकथॉन, टीएसईपी, आदि) में शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण, बेहतर स्कूल मान्यता, राष्ट्रीय और वैश्विक प्राथमिकताओं में सड़क सुरक्षा योगदान (यूएन एसडीजी 3), और स्कूली बच्चों के बीच जीवन कौशल सेट का विकास शामिल है। टीकेएम ने बैंगलोर में 44 से अधिक स्कूलों के साथ सहयोग किया है, इंटरैक्टिव सामग्री, मूल्यांकन, अनुभवात्मक शिक्षा के लिए क्लब गतिविधियां, इंट्रा-स्कूल कार्यक्रम और एक राष्ट्रीय चैंपियनशिप को लागू किया है। कार्यक्रम के सीखने के परिणामों में सुरक्षित सड़क उपयोगकर्ता व्यवहार को समझना, दुर्घटनाओं के दौरान अच्छे व्यवहार की वकालत करना और छात्रों के बीच जिम्मेदार सड़क व्यवहार के बारे में जागरूकता
पैदा करना शामिल है। छात्रों और शिक्षकों जैसे प्राथमिक दर्शकों के अलावा, टीएसईपी माध्यमिक दर्शकों यानी स्कूल बस चालकों, परिवार के सदस्यों आदि सहित समुदाय तक अपनी पहुंच बढ़ा रहा है। इसके अलावा, विभिन्न स्कूलों, बैंगलोर ट्रैफिक पुलिस, थिंक टैंक और प्रभावशाली लोगों के साथ टीकेएम की साझेदारी ने टीएसईपी की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कार्यक्रम में बेंगलुरु शहरी जिलों के सभी आठ शैक्षिक ब्लॉकों के स्कूलों को शामिल किया गया है। टीकेएम की समर्पित सड़क सुरक्षा पहल के माध्यम से, कंपनी एक ऐसे भविष्य की कल्पना करती है जहां स्कूली बच्चे एक जिम्मेदार सड़क उपयोगकर्ता बनें और ‘शून्य सड़क मृत्यु दर’ के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान दें।”

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments