Saturday, November 16, 2024
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राष्ट्रीय शिक्षा दिवस: टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की पहल भारत के युवाओं के लिए कौशल विकास को बढ़ावा देती है

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस: टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की पहल भारत के युवाओं के लिए कौशल विकास को बढ़ावा देती है

बैंगलोर, 11 नवंबर 2024: टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाते हुए प्रभावशाली पहल की श्रृंखला के जरिये भारत में कौशल की कमी को पाटने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। कर्नाटक और पूरे भारत में आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं के सशक्तिकरण पर मजबूत फोकस के साथ, टीकेएम के शैक्षिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम रोज़गार के रास्ते बना रहे हैं जो आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रहे हैं और भारत के औद्योगिक विकास में योगदान देते हैं।

टीकेएम के मिशन का एक प्रमुख स्तंभ टोयोटा तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान (टीटीटीआई) है, जिसकी स्थापना 2007 में हुई थी। 15 वर्षों से अधिक समय से टीटीटीआई आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के युवाओं को मुफ्त, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान कर रहा है, जो ऑटोमोबाइल निर्माण में विशेषज्ञता रखता है। संस्थान एक कठोर तीन वर्षीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है जो न केवल तकनीकी कौशल का निर्माण करता है बल्कि छात्रों के समग्र विकास पर भी ध्यान केंद्रित करता है।

पाठ्यक्रम में व्यावहारिक प्रशिक्षण, वैश्विक विनिर्माण प्रथाओं की गहरी समझ और शारीरिक व समुदाय-निर्माण गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया जाता है। कुशल तकनीशियनों की बढ़ती मांग को पूरा करने और महिला सशक्तिकरण का समर्थन करने के लिए, टीकेएम ने हाल ही में टीटीटीआई की क्षमता को दोगुना करके 1,200 छात्रों तक कर दिया है।

‘कौशल भारत’ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, टीकेएम ने टोयोटा कौशल्या कार्यक्रम शुरू किया है, जो ‘सीखें और कमाएँ’ मॉडल के तहत दो साल का कोर्स है। यह कार्यक्रम छात्रों को सीखने के दौरान आय अर्जित करने की अनुमति देकर टीटीटीआई की नियमित पेशकशों का पूरक है। इसमें कक्षा के ज्ञान को टोयोटा की सुविधाओं में ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग (ओजेटी यानी काम करते हुए प्रशिक्षण) के साथ जोड़ा गया है। ग्रामीण कर्नाटक के प्रतिभाशाली युवाओं के लिए डिज़ाइन किया गया, कौशल्या कार्यक्रम छात्रों को आज के नौकरी बाजार में आवश्यक विशेष कौशल प्रदान करता है, उन्हें मूल्यवान उद्योग अनुभव प्रदान करता है और उनकी रोजगार क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है।

इसके अलावा, भविष्य के ऑटोमोटिव पेशेवरों को विकसित करने के लिए टीकेएम का समर्पण इसके टोयोटा तकनीकी शिक्षा कार्यक्रम (टी-टीईपी) में स्पष्ट है। यह भारत भर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के साथ सहयोग है। टी-टीईपी के माध्यम से, टीकेएम ने 60 केंद्र स्थापित किए हैं, जिससे देश भर में 13,000 से अधिक छात्र लाभान्वित हुए हैं। यह कार्यक्रम टोयोटा डीलरशिप पर व्यावहारिक कौशल विकास के साथ एक मजबूत तकनीकी पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जिससे छात्रों को उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकियों और उद्योग-मानक प्रथाओं का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने में सक्षम बनाया जाता है।
क्रॉस-कल्चरल (अंतर सांस्कृतिक) कौशल विकास को सुविधाजनक बनाने के प्रयास में, टीकेएम तकनीकी इंटर्न ट्रेनिंग प्रोग्राम (टीआईटीपी) में भी भाग लेता है, जो चयनित कर्मचारियों को छह महीने से लेकर पांच साल तक की अवधि के लिए जापान में ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त करने की अनुमति देता है। यह आदान-प्रदान न केवल तकनीकी दक्षताओं को मजबूत करता है बल्कि भारत और जापान के बीच गहन सहयोग को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि दोनों देशों के बीच ज्ञान और विशेषज्ञता का निर्बाध प्रवाह होता है।

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, वित्त और प्रशासन, श्री जी. शंकर ने कहा , “टीकेएम में जब हम राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2024 मना रहे हैं, तब हमारी प्रतिबद्धता का विस्तार सिर्फ़ व्यवसाय से आगे तक है; हम आजीवन सीखने को बढ़ावा देने और एक समावेशी वातावरण को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं जो सभी के लिए विविधता, समानता और अवसर को महत्व देता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और व्यापक कौशल विकास को प्राथमिकता देकर, हमारा लक्ष्य युवाओं को समाज के सशक्त, उत्पादक सदस्यों में बदलना है। हमारी पहल न केवल व्यक्तिगत विकास का समर्थन करती है बल्कि मजबूत समुदायों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। केंद्रीय बजट 2024- 25 में घोषित प्रधानमंत्री की इंटर्नशिप योजना के अनुरूप, हम व्यावहारिक प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करके अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत कर रहे हैं। इससे शिक्षा और उद्योग की जरूरतों के बीच की खाई को प्रभावी ढंग से पाटते हैं। इन केंद्रित प्रयासों के माध्यम से, हम विकसित भारत के विज़न को प्राप्त करने में एक अभिन्न भूमिका निभाने की आकांक्षा रखते हैं – एक विकसित और प्रगतिशील राष्ट्र जहाँ हर नागरिक फलता-फूलता है।”

इन पहल के आधार पर, टीकेएम ने औद्योगिक प्रशिक्षण प्रदाता (आईटीपी) के रूप में सरकारी टूल रूम और प्रशिक्षण केंद्र (जीटीटीसी) के साथ साझेदारी की है। 2021 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद से, टीकेएम ने कर्नाटक भर में 16 जीटीटीसी संस्थानों की स्थापना का समर्थन किया है। 2026 तक इसका 36 संस्थानों तक विस्तार करने की योजना है। ये केंद्र ऑटोमोबाइल वेल्डिंग और असेंबली में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की पेशकश करते हैं, जिससे छात्रों को उद्योग के भीतर उच्च मांग वाले आवश्यक कौशल से युक्त किया जाता है। कर्नाटक भर में 49 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के साथ टीकेएम की साझेदारी का भी दूरगामी प्रभाव पड़ा है, जिसने अब तक लगभग 3,000 छात्रों को प्रशिक्षित किया है। 1,10,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने के साथ, टीकेएम ने जीवन-बदलने वाले अवसरों को बढ़ावा दिया है, विविधता, समानता और समावेशन को बढ़ावा दिया है, तथा कर्नाटक, भारत और समग्र समाज पर सार्थक प्रभाव डाला है।

ये विविध पहल टीकेएम के समग्र विकास के दर्शन से एकजुट हैं। तकनीकी ज्ञान, कौशल निर्माण और व्यक्तिगत विकास पर जोर देने वाले संरचित कार्यक्रमों के माध्यम से, टीकेएम अपने छात्रों में अनुशासन, सामुदायिक जिम्मेदारी और लचीलेपन की एक मजबूत भावना पैदा करने का प्रयास करता है। श्रमदान और सामुदायिक सेवा जैसी गतिविधियों को शामिल करने से सकारात्मक दृष्टिकोण और कार्य नैतिकता को बढ़ावा मिलता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि स्नातक न केवल कुशल पेशेवर के रूप में उभरें, बल्कि समाज को वापस देने के लिए प्रतिबद्ध कर्तव्यनिष्ठ नागरिक भी बनें।

बैंगलोर, 11 नवंबर 2024: टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाते हुए प्रभावशाली पहल की श्रृंखला के जरिये भारत में कौशल की कमी को पाटने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। कर्नाटक और पूरे भारत में आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं के सशक्तिकरण पर मजबूत फोकस के साथ, टीकेएम के शैक्षिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम रोज़गार के रास्ते बना रहे हैं जो आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रहे हैं और भारत के औद्योगिक विकास में योगदान देते हैं।

टीकेएम के मिशन का एक प्रमुख स्तंभ टोयोटा तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान (टीटीटीआई) है, जिसकी स्थापना 2007 में हुई थी। 15 वर्षों से अधिक समय से टीटीटीआई आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के युवाओं को मुफ्त, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान कर रहा है, जो ऑटोमोबाइल निर्माण में विशेषज्ञता रखता है। संस्थान एक कठोर तीन वर्षीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है जो न केवल तकनीकी कौशल का निर्माण करता है बल्कि छात्रों के समग्र विकास पर भी ध्यान केंद्रित करता है।

पाठ्यक्रम में व्यावहारिक प्रशिक्षण, वैश्विक विनिर्माण प्रथाओं की गहरी समझ और शारीरिक व समुदाय-निर्माण गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया जाता है। कुशल तकनीशियनों की बढ़ती मांग को पूरा करने और महिला सशक्तिकरण का समर्थन करने के लिए, टीकेएम ने हाल ही में टीटीटीआई की क्षमता को दोगुना करके 1,200 छात्रों तक कर दिया है।

‘कौशल भारत’ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, टीकेएम ने टोयोटा कौशल्या कार्यक्रम शुरू किया है, जो ‘सीखें और कमाएँ’ मॉडल के तहत दो साल का कोर्स है। यह कार्यक्रम छात्रों को सीखने के दौरान आय अर्जित करने की अनुमति देकर टीटीटीआई की नियमित पेशकशों का पूरक है। इसमें कक्षा के ज्ञान को टोयोटा की सुविधाओं में ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग (ओजेटी यानी काम करते हुए प्रशिक्षण) के साथ जोड़ा गया है। ग्रामीण कर्नाटक के प्रतिभाशाली युवाओं के लिए डिज़ाइन किया गया, कौशल्या कार्यक्रम छात्रों को आज के नौकरी बाजार में आवश्यक विशेष कौशल प्रदान करता है, उन्हें मूल्यवान उद्योग अनुभव प्रदान करता है और उनकी रोजगार क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है।

इसके अलावा, भविष्य के ऑटोमोटिव पेशेवरों को विकसित करने के लिए टीकेएम का समर्पण इसके टोयोटा तकनीकी शिक्षा कार्यक्रम (टी-टीईपी) में स्पष्ट है। यह भारत भर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के साथ सहयोग है। टी-टीईपी के माध्यम से, टीकेएम ने 60 केंद्र स्थापित किए हैं, जिससे देश भर में 13,000 से अधिक छात्र लाभान्वित हुए हैं। यह कार्यक्रम टोयोटा डीलरशिप पर व्यावहारिक कौशल विकास के साथ एक मजबूत तकनीकी पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जिससे छात्रों को उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकियों और उद्योग-मानक प्रथाओं का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने में सक्षम बनाया जाता है।
क्रॉस-कल्चरल (अंतर सांस्कृतिक) कौशल विकास को सुविधाजनक बनाने के प्रयास में, टीकेएम तकनीकी इंटर्न ट्रेनिंग प्रोग्राम (टीआईटीपी) में भी भाग लेता है, जो चयनित कर्मचारियों को छह महीने से लेकर पांच साल तक की अवधि के लिए जापान में ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त करने की अनुमति देता है। यह आदान-प्रदान न केवल तकनीकी दक्षताओं को मजबूत करता है बल्कि भारत और जापान के बीच गहन सहयोग को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि दोनों देशों के बीच ज्ञान और विशेषज्ञता का निर्बाध प्रवाह होता है।

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, वित्त और प्रशासन, श्री जी. शंकर ने कहा , “टीकेएम में जब हम राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2024 मना रहे हैं, तब हमारी प्रतिबद्धता का विस्तार सिर्फ़ व्यवसाय से आगे तक है; हम आजीवन सीखने को बढ़ावा देने और एक समावेशी वातावरण को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं जो सभी के लिए विविधता, समानता और अवसर को महत्व देता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और व्यापक कौशल विकास को प्राथमिकता देकर, हमारा लक्ष्य युवाओं को समाज के सशक्त, उत्पादक सदस्यों में बदलना है। हमारी पहल न केवल व्यक्तिगत विकास का समर्थन करती है बल्कि मजबूत समुदायों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। केंद्रीय बजट 2024- 25 में घोषित प्रधानमंत्री की इंटर्नशिप योजना के अनुरूप, हम व्यावहारिक प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करके अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत कर रहे हैं। इससे शिक्षा और उद्योग की जरूरतों के बीच की खाई को प्रभावी ढंग से पाटते हैं। इन केंद्रित प्रयासों के माध्यम से, हम विकसित भारत के विज़न को प्राप्त करने में एक अभिन्न भूमिका निभाने की आकांक्षा रखते हैं – एक विकसित और प्रगतिशील राष्ट्र जहाँ हर नागरिक फलता-फूलता है।”

इन पहल के आधार पर, टीकेएम ने औद्योगिक प्रशिक्षण प्रदाता (आईटीपी) के रूप में सरकारी टूल रूम और प्रशिक्षण केंद्र (जीटीटीसी) के साथ साझेदारी की है। 2021 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद से, टीकेएम ने कर्नाटक भर में 16 जीटीटीसी संस्थानों की स्थापना का समर्थन किया है। 2026 तक इसका 36 संस्थानों तक विस्तार करने की योजना है। ये केंद्र ऑटोमोबाइल वेल्डिंग और असेंबली में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की पेशकश करते हैं, जिससे छात्रों को उद्योग के भीतर उच्च मांग वाले आवश्यक कौशल से युक्त किया जाता है। कर्नाटक भर में 49 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के साथ टीकेएम की साझेदारी का भी दूरगामी प्रभाव पड़ा है, जिसने अब तक लगभग 3,000 छात्रों को प्रशिक्षित किया है। 1,10,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने के साथ, टीकेएम ने जीवन-बदलने वाले अवसरों को बढ़ावा दिया है, विविधता, समानता और समावेशन को बढ़ावा दिया है, तथा कर्नाटक, भारत और समग्र समाज पर सार्थक प्रभाव डाला है।

ये विविध पहल टीकेएम के समग्र विकास के दर्शन से एकजुट हैं। तकनीकी ज्ञान, कौशल निर्माण और व्यक्तिगत विकास पर जोर देने वाले संरचित कार्यक्रमों के माध्यम से, टीकेएम अपने छात्रों में अनुशासन, सामुदायिक जिम्मेदारी और लचीलेपन की एक मजबूत भावना पैदा करने का प्रयास करता है। श्रमदान और सामुदायिक सेवा जैसी गतिविधियों को शामिल करने से सकारात्मक दृष्टिकोण और कार्य नैतिकता को बढ़ावा मिलता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि स्नातक न केवल कुशल पेशेवर के रूप में उभरें, बल्कि समाज को वापस देने के लिए प्रतिबद्ध कर्तव्यनिष्ठ नागरिक भी बनें।

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