नई दिल्ली: आज प्रेम, सम्मान, त्याग और समर्पण के त्योहार यानी करवा चौथ व्रत का दिन है. करवा चौथ का यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. अक्सर करवा चौथ का व्रत सौभाग्यवती यानी सुहागिन महिलाएं अपने पतियों के लिए रखती हैं, मगर अब बदलते जमाने में यह ट्रेंड भी बदल गया है. पुरुष भी अपनी पत्नी के लिए स्वेच्छा से करवा चौथ का व्रत रखते हैं. यह पर्व सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियां मनाती हैं. यह व्रत सवेरे सूर्योदय से शुरू होता है और चांद की दीदार करने के बाद ही इसे संपन्न माना जाता है. इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रखकर संध्या काल में चांद को अर्घ्य देती हैं और पति के हाथों व्रत खुलता है. हालांकि, देश के अलग-अलग हिस्सों में चांद दिखने का समय भी थोड़ा अलग-अलग होता है. तो चलिए जानते हैं कि आखिर किस शहर में चांद दिखने का क्या समय है और करवा चौथ व्रत की टाइमिंग क्या है.
शहर का नाम | चांद दिखने का समय |
नई दिल्ली | 8:15 PM |
नोएडा | 8:15 PM |
गुरुग्राम | 8:16 PM |
मुंबई | 8:59 PM |
चेन्नई | 8:43 PM |
लखनऊ | 8:05 PM |
आगरा | 8:16 PM |
कोलकाता | 7:46 PM |
हिमाचल प्रदेश | 8:07 PM |
भोपाल | 8:29 PM |
पटना | 7:51 PM |
जयपुर | 8:26 PM |
चंडीगढ़ | 8:10 PM |
पुणे | 8:56 PM |
अलीगढ़ | 8:13 PM |
पणजी | 9:04 PM |
करवा चौथ 2023 का शुभ मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि की शुरूआत: 31 अक्टूबर, मंगलवार, रात 09:30 बजे से
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि की समाप्ति: 1 नवंबर, बुधवार, रात 09:19 बजे पर
पूजा मुहूर्त: 1 नवंबर 05 बजकर 13 मिनट से शाम 06 बजकर 28 मिनट तक
करवा चौथ फास्ट टाइम: 1 नवंबर 5.48 सुबह से रात 8. 03 तक
करवा चौथ 2023: पूजा विधि
1. महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र स्नान करती हैं.
2. सूर्योदय से पहले परिवार के सदस्यों के साथ सरगी खाना होता है.
3. सूर्योदय के बाद महिलाओं को कुछ भी खाने-पीने की इजाजत नहीं है.
4. दोपहर में भोग के लिए सब्जी-पूरी, खीर, हलवा बनाते हैं.
5. महिलाएं पूजा के लिए तैयार होती हैं, कपड़े, साड़ी या लहंगा पहनती हैं, सोने के आभूषणों से सजती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं.
6. उसके बाद महिलाएं पीली मिट्टी से गौरी, गणेश और शिव जी की मूर्ति बनाएं या फिर इन तीनों की तस्वीर एक चौकी पर स्थापित करें.
7. इसमें सबसे पहले प्रथम पूज्यनीय गणेश जी, फिर माता पार्वती और शिव जी की पूजा करनी चाहिए.
8.भगवान गणेश को दूर्वा, सिंदूर, अक्षत्, मोदक, धूप, दीप आदि अर्पिक करें.
9. शिव जी को बेलपत्र, अक्षत्, चंदन, फूल, शहद, भांग, धूप, दीप आदि चढ़ाएं.
10. फिर माता पार्वती की पूजा अक्षत्, सिंदूर, लाल पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, सोलह श्रृंगार की सामग्री, लाल चुनरी आदि से करें.
11. 8 पूड़ियों की अठावरी, करवा आदि से भी पूजा करें.
12. इसके बाद करवा चौथ व्रत कथा सुनें. फिर माता गौरी, गणेश और शिव जी की आरती करें. पू
13. जा के अंत में मां गौरी और शिव जी से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें.
14. उसके बाद सासु मां के पैर छूकर आशीष लें. उनको प्रसाद और सुहाग सामग्री दें.
15. रात को चांद निकलने से पहले अर्घ्य की तैयारी करें.
16. छलनी से चांद को देखते हुए अर्घ्य दें.
17. पानी में कच्चा दूध, सफेद फूल, अक्षत् और शक्कर डालकर अर्घ्य दें.
18. उसके बाद पति के हाथों जल ग्रहण करें. मिठाई खाकर पारण कर लें.
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FIRST PUBLISHED : November 1, 2023, 11:16 IST