केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा छठी से 12वीं तक के साइंस विषय के इंटरनल असेसमेंट में मार्क्स की गड़बड़ियां रोकने के लिए एक योजना तैयार की है। बोर्ड ने ब्रिटिश काउंसिल के साथ मिलकर एक फ्रेमवर्क तैयार किया है जिससे इंटरनल असेसमेंट में मार्क्स के चौंकाने वाले उतार चढ़ाव और संभावित अत्यधिक इजाफे जैसी समस्याओं को हल किया जा सकेगा। जून में हुई बोर्ड की गवर्निंग बॉडी की मीटिंग की डिटेल्स सार्वजनिक होने के बाद यह जानकारी सामने आई है। मीटिंग की डिटेल्स से यह भी पता चला है कि बोर्ड परीक्षा में गड़बड़ी होने के रिस्क वाले एग्जाम सेंटरों पर कक्षाओं की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग पर भी विचार कर रहा है। सीबीएसई बेंचमार्किंग और मानकों की समीक्षा के लिए एक फ्रेमवर्क बनाएगा। इंटनरल असेसमेंट फ्रेमवर्क एनसीएफएसई यानी नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के अनुरूप ही होगा।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रस्ताव में स्कूलों को कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश देना शामिल है। इसका कुछ खर्च सीबीएसई द्वारा वहन किया जाएगा। इसमें सीबीएसई मुख्यालय में एक डेटा बैंक बनाने की भी बात कही गई है। परीक्षा वाले दिन हर एग्जाम सेंटर एक वेब लिंक के माध्यम से इस डेट बैंक में सीसीटीवी रिकॉर्डिंग जमा कर सकेंगे।
इस प्रस्ताव को 2025 की परीक्षा से लागू किया जाना है। साथ ही एक कमिटी भी बनाई जाएगी जो जरूरी बुनियादी ढांचे, इसे लागू किया जाना, आईटी सिस्टम और स्कूलों से जुटाए गए डेटा को संभालेगी।
प्रस्ताव में कहा गया है कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरुआत में किसी क्षेत्र के कम से कम 30 फीसदी केन्द्रों को इसमें शामिल किया जा सकता है। इसके बाद इसका विस्तार सभी केन्द्रों तक किया जा सकता है।