कृषि के जानकारों की बात करें तो लकड़ी वाले पेड़ों की खेती को किसान लंबे समय का इन्वेस्टमेंट मानते हैं. इसका लाभ अगर लेना है तो किसानों को कुछ समय देना होगा. इनकी एक समय के बाद सही देखभाल करने पर किसान को बड़ी आसानी से मोटी कमाई होगी.
देखा जा रहा है कि किसान ऐसी फसलों की खेती ज्यादा करना चाहते हैं, जिनकी बाजार में मांग अधिक हो और ज्यादा मुनाफा लिया सके. फसलों से अच्छी कमाई के साथ ही कुछ पेड़ ऐसे भी होते हैं, जिसे आप पैसे वाले बन सकते हैं. इन पेड़ों के बागों की एक दो साल तक देखभाल करने के साथ ही ज्यादा मेहनत भी करनी होगी. ये पेड़ सिर्फ लकड़ी ही नहीं देते, बाजार में अच्छे भाव से बिकते भी हैं. इनमें से कई पेड़ों के फल, पत्तियां, छाल और जड़ आदि भी बहुत ऊंचे दाम पर बिकती हैं. यहां पर हम आपको पेड़ों की बागवानी करते समय सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. इसी के साथ पौधों को लगाते वक्त सही समय का भी चुनाव करना होगा.
इन बातों का रखना होगा ध्यान
अक्सर देखा जाता है कि किसान मिट्टी के पीएच मान की जांच कराए बिना ही बागवानी की शुरुआत कर देते हैं. जिसके कारण पौधे का विकास नहीं होता है. इसके कारण नुकसान की संभावना बन जाती है. यहां पर यह चाहिए कि किसानों को बागवानी करने से पहले अपने खेत की मिट्टी की जांच जरुरी करानी चाहिए. जांच रिपोर्ट के आधार पर मिट्टी का उपचार करने के बाद ही पौधे लगाने चाहिए.
किसान को बागवानी करने के लिए कुछ खास पेड़ों की खेती करनी चाहिए. जिनमें महोगनी, यूकेलिप्टस, मालाबार नीम, सिरिस, सागौन, शीशम, अर्जुन, सखुआ और बांस की बागवानी कर सकते हैं. ऐसे पौधों के विकास के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 होना चाहिए. इसके अलावा गीली जमीन पर सीरिस, यूकेलिप्टस और बांस की कुछ खास प्रजातियों की खेती सबसे अच्छी मानी गई है. वहीं बंजर जमीन पर देसी सिरिस, सफेद सिरिस, नीम, महुवा, अर्जुन के पौधे रोपने चाहिए.
खेती करते वक्त इन बातों का रखना होगा ध्यान
बागवानी के पेड़ों को लगाते वक्त लाइन से लाइन और एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी 4×5 मीटर रखनी चाहिए. इसके साथ ही प्रति पौधे के लिए गड्ढा एक फीट चौड़ा और एक फीट गहरा होना चाहिए. खोदे हुए एक गड्ढे में 5 किलो गोबर की सड़ी खाद, 100 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट, 100 ग्राम यूरिया और 50 ग्राम पोटाश डाल कर भर देना चाहिए. यहां पर यह बात ध्यान रखनी होगी कि इन सभी प्रक्रियाओं के साथ पौधा रोपाई बारिश के समय पर ही करनी होगी. इन बातों का ध्यान रखने से कीमती पौधों के मुरझाने का खतरा नहीं रहता है.
बागवानी के साथ कर सकते हैं अन्य खेती
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार लकड़ी वाले पेड़ों की खेती को किसान लंबे समय का खर्चा मानते हैं. क्योंकि इसमें लाभ के लिए किसानों को कुछ समय तो देना ही होगा. एक निश्चित समय के बाद सही देखभाल करने पर बड़ी आसानी से अच्छी कमाई बागवानी से की जा सकती है. वैज्ञानिकों की बात करें तो पेड़ को लगाने से काटने तक के बीच के समय में किसान अतिरिक्त कमाई के लिए बागवानी में बीच वाली खाली जगहों पर हल्दी, अदरक, अरबी, काली मिर्च और मिर्च जैसी फसलों की खेती भी आसानी से कर सकते हैं. इससे कमाई अच्छी होगी.