Wednesday, March 12, 2025
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ईएफ पॉलीमर बना द/नज प्राइज़: डीसीएम श्रीराम एगवाटर चैलेंज का विजेता, जीता 2 करोड़ रुपये का पुरस्कार

ईएफ पॉलीमर बना द/नज प्राइज़: डीसीएम श्रीराम एगवाटर चैलेंज का विजेता, जीता 2 करोड़ रुपये का पुरस्कार

~ ग्रैंड फिनाले इवेंट में मुख्य अतिथि अमिताभ कांत की मौजूदगी में ईएफ पॉलीमर को विजेता घोषित किया गया, वहीं कल्टीवेट को विशेष मान्यता मिली और 25 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया।

 

लखनऊ: डीसीएम श्रीराम फाउंडेशन और द/नज इंस्टीट्यूटने भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के सहयोग सेईएफ पॉलीमरकोडीसीएम श्रीराम एगवाटर चैलेंजका विजेता घोषित किया। छोटे किसानों के लिएपानी की बचत और कृषि उत्पादकताको बढ़ाने वाले अपने इनोवेटिव समाधानों के लिए ईएफ पॉलीमर को 2 करोड़ रुपयेका पुरस्कार दिया गया। यह सम्मान एकभव्य समापन समारोहमें प्रदान किया गया, जिसमेंभारत के जी20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांतमुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे।

इसके अलावा, फार्म2फोर्क टेक्नोलॉजीज के एग्री-टेक प्लेटफॉर्म, कल्टीवेटको भी विशेष मान्यता दी गई। सिंचाई को आसान बनाने और किसानों को बेहतर निर्णय लेने में मदद करने वालीस्मार्ट सिंचाई प्रणालियों के विकासमें उनके योगदान के लिए 25 लाख रुपये का पुरस्कारदिया गया।

डीसीएमश्रीरामएगवाटरचैलेंज को जून2023 मेंलॉन्‍च किया गया था और इसी साल सितंबर में समूहकीशुरुआतहुई। इस चैलेंजकोभारतमें10 लाखछोटेकिसानोंको पानी का सही इस्तेमाल सिखाने,उनकी पैदावार एवं मुनाफे को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ डिजाइन किया गया था। इसमें चार प्रमुख फसलों – गन्ने, गेहूं, धान और कपास जैसी फसलों पर ध्यान दिया गया जिसके लिए पानी की बहुत जरूरत होती है। इस चैलेंज को 134 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 16 एगटेक संगठनों को समूह के लिए चुना गया, जो सिंचाई, बायो एजी इनपुट, सलाहकार सेवाओं और अन्य क्षेत्रों में नए-नए आविष्‍कार कर रहे थे। मूल्यांकन के बाद, आखिरकार चार फाइनलिस्टों की पहचान की गई: ईएफ पॉलीमर, कल्टीवेट, इंडसटिल और फाइफार्म। सामूहिक रूप से, फाइनलिस्टों ने पिछले वर्ष में लगभग 15,000 छोटे किसानों को प्रभावित किया।

भारत एक गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है, जिसमें प्रतिव्यक्ति जल की उपलब्धता 1,486 घनमीटर से नीचे गिर गई है – जो जल तनाव के लिए 1,700 घनमीटर की सीमा से काफी कम है। कृषि, जो भारत के ताजे पानी का 78% उपभोग करती है, एक प्रमुख चालक है, जिसमें से 62% पानी तेजी से घटते भूजल से आता है। वर्तमान दर पर, भारत के पास 2030 तक अपनी पानी की जरूरतों का केवल 50% होगा, जिससे 60 करोड़ किसानों को खतरा होगा। डीसीएम श्रीराम एगवाटर चैलेंज चावल, गेहूं, गन्ना और कपास जैसी ज्‍यादा पानी की जरूरत वाली फसलों के लिए मापनीय, उच्च-प्रभाव वाले समाधान बनाने के लिए एगवाटर टेक संगठनों की क्षमता को दर्शाता है। यह बढ़ते जल तनाव और जलवायु संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे छोटे किसानों की आजीविका के लिए महत्वपूर्ण हैं।

श्री अजय एस श्रीराम, चेयरमैन और वरिष्ठ प्रबंध निदेशक, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड और डायरेक्‍टर, डीसीएम श्रीराम फाउंडेशन ने कहा, “खेती के लिए पानी सबसे ज़रूरी चीज़ है। हमारे देश में पानी की बहुत कमी है।इसलिए,यह जरूरी है कि किसान पानी का सही इस्तेमाल करें। इस चैलेंज का मकसद ऐसे नए तरीके एवं समाधान खोजना है,जिससे छोटे किसान कम पानी में ज्यादा फसल उगा सकें। हम विजेता के साथ-साथ अन्य फाइनलिस्टों को उनके प्रमुख कार्यों के लिए बधाई देते हैं। हमें उम्मीद है कि इन तरीकों से देश भर के लाखों किसानों को मदद मिलेगी और उनके जीवन में सकारात्‍मक बदलाव आएगा।”

 कनिष्का चटर्जी, डायरेक्‍टर, द/नजप्राइज ने कहा, “भारत के लगभग 85% किसान छोटे किसान हैं। इसलिए, खेती को सुधारने के लिए छोटे किसानों की मदद करना ज़रूरी है। किसानों को पानी का सही इस्तेमाल करना सीखना चाहिए,उन्हें अपनी फसल की पैदावार बढ़ानी चाहिए और लम्बे समय तक खेती करने के लिए तैयार रहना चाहिए। डीसीएम श्रीराम एगवाटर चैलेंज ने पिछले 2 वर्षों में दिखाया है कि एगवाटर टेक संगठन बड़े पैमाने पर और गहराई से प्रभावशाली नए-नए समाधान डिजाइन और वितरित कर सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि एगवाटर सिस्‍टम इन समाधानों को अपना सहयोग देना जारी रखेगा, और भारत के छोटे किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए ज्‍यादा से ज्‍यादा तकनीकों को लाएगा। इससे वैल्‍यू चेन में जटिल चुनौतियों को हल करने में  मदद मिलेगी।”

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