टाटा मोटर्स ने सीएसआर के नए रिकॉर्ड के साथ FY’25 में 14.7 लाख लोगों की ज़िंदगी बदली
~ स्थायी मॉडल के माध्यम से नये और जरूरतमंद समुदायों तक पहुँची ~
Mumbai, September 16, 2025: टाटा मोटर्स ने आज अपनी 11वीं वार्षिक कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) रिपोर्ट जारी की, जिसका शीर्षक है “एक्सपैंडिंग सर्कल्स ऑफ केयर: डीपर कनेक्शन्स, लास्टिंग इम्पैक्ट”। यह रिपोर्ट कंपनी की उस रणनीतिक और सामुदायिक दृष्टिकोण को रेखांकित करती है, जो लोगों, नीतियों और उद्देश्यों को जोड़कर बड़े पैमाने पर स्थायी बदलाव लाने पर केंद्रित है। वित्त वर्ष’25 में टाटा मोटर्स की सीएसआर पहलों से देशभर में 14.7 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिला, जिनमें से 56% लाभार्थी एससी/एसटी समुदायों से थे।
कठिन जलवायु परिस्थितियों और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं वाले साल में, टाटा मोटर्स ने वंचित समुदायों के साथ अपने प्रयासों को और मज़बूत किया। कंपनी ने न केवल कार्यक्रमों को ज़मीनी स्तर पर लागू किया बल्कि उन्हें प्रणालीगत बदलाव का हिस्सा भी बनाया। वर्तमान में 109 आकांक्षी जिलों में सक्रिय टाटा मोटर्स ने अपने सीएसआर मॉडल को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और स्थानीय ज़रूरतों के अनुरूप विकसित किया है, जिससे इसे बड़े पैमाने पर लागू करना आसान हुआ है।
सीएसआर पहलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विनोद कुलकर्णी, हेड–सीएसआर, टाटा मोटर्स ने कहा, “हमारा उद्देश्य हाशिये पर रहने वाले समुदायों को मुख्यधारा में लाना है। सम्मानजनक आजीविका देने से लेकर इकोसिस्टम की बहाली तक, हम ऐसे समाधान तैयार करते हैं, जो समानता पर आधारित हों और लंबे समय तक सकारात्मक प्रभाव डालें। ‘मोर फॉर लेस फॉर मोर’ के सिद्धांत पर काम करते हुए, हम सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर वंचित समुदायों तक अर्थपूर्ण बदलाव पहुँचा रहे हैं।”
वार्षिक CSR रिपोर्ट FY’25 की मुख्य झलकियाँ
जल संरक्षण:
वित्त वर्ष ’25 में महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में 66% क्षेत्रों में सूखे की चुनौती के बीच टाटा मोटर्स ने 10 जिलों में 356 जलाशयों का पुनरुद्धार किया, जिससे 700 करोड़ लीटर अतिरिक्त जल क्षमता बनी। इस पहल से 7,000 किसानों और 2.9 लाख ग्रामीणों को सीधा लाभ मिला। वित्त वर्ष ’26 में कंपनी का लक्ष्य है कि 25+ जिलों में 1,000 जलाशयों को पुनर्जीवित किया जाए।
सुविधाहीन क्षेत्रों में ग्रामीण विकास:
इंटीग्रेटेड विलेज डेवलपमेंट प्रोग्राम, जिसकी शुरुआत 2018 में हुई थी, अब महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश के 16 ग्राम पंचायतों में सक्रिय है। वित्त वर्ष ’25 में इस प्रोग्राम का विस्तार उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती और बलरामपुर जिलों तक किया गया, जिन्हें नीति आयोग के मल्टी-डायमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स में देश के सबसे आकांक्षी जिलों में शामिल किया गया है।
IVDP ने 13 सस्टेनेबल डेव्लपमेंट गोल्स, 9 विषयगत क्षेत्र पर ग्राम पंचायत थीम और 48 सरकारी योजनाओं के साथ काम करते हुए पालघर जिले के आदिवासी क्षेत्रों में 18,000+ लोगों का जीवन बेहतर किया।
सम्मानजनक आजीविका की ओर
पुणे में, टाटा मोटर्स ने कष्टकारी पंचायत के साथ साझेदारी कर 8,000 कचरा एकत्र करने वाले परिवारों को सहयोग दिया। इनमें से 1,814 महिलाओं को स्वास्थ्य योजनाओं से जोड़ा गया और उनके बच्चों को शिक्षा और कौशल विकास
के अवसर उपलब्ध कराए गए। साथ ही, 4 युवाओं ने नेशनल एप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम के तहत टाटा मोटर्स में प्रशिक्षण प्राप्त किया।
कंपनी ने निर्माण एनजीओ के साथ मिलकर 47 बंधुआ मज़दूरों को मुक्त कराया और भोसारी में कामगार सम्मान एवं सुविधा केंद्र स्थापित किया, जिससे 12,000+ प्रवासी मज़दूरों को कानूनी मदद और अन्य आवश्यक सुविधाएँ मिलीं।
कार्यस्थल में समावेशन बढ़ाना
वित्त वर्ष 25 में, टाटा मोटर्स ने अपने प्लांट्स में 141 दिव्यांग और 17 ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को शामिल किया। इन्हें समावेशी नीतियों, जागरूकता कार्यक्रमों और व्यवस्थित प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त बनाया गया, जो कार्यस्थल समानता की एक मिसाल पेश करता है।
शैक्षणिक सफलता को बढ़ावा
एनेबल (ENABLE) प्रोग्राम के तहत 19,000+ छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग दी गई। इनमें से 8,000 छात्रों ने जेईई मेंस परीक्षा दी, जिनमें 28% सफल रहे। वहीं, मुंबई में 69 बीएमसी स्कूलों में दी गई रेमेडियल कोचिंग से एसएससी पास दर 96% रही, जो शहर के औसत से अधिक है।
शहरी कुपोषण से निपटना
प्रोजेक्ट आरोग्यसम्पन्न के तहत मुंबई के ट्रॉम्बे की झुग्गियों में 1,000+ बच्चों की सेहत की जांच की गई। इसके परिणामस्वरूप गंभीर और मध्यम कुपोषण में 90% की कमी आई। इस पहल के तहत अभिभावकों को पोषण संबंधी जानकारी दी गई और स्वास्थ्य पुस्तकालय भी स्थापित किए गए।
रिकॉर्ड वॉलंटियरिंग
वित्त वर्ष 25 में 19,000 से अधिक टाटा मोटर्स कर्मचारियों ने 2 लाख घंटे से ज्यादा समय स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों, पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसी सामाजिक गतिविधियों में समर्पित किया। ये प्रयास कंपनी की करुणा, सामाजिक जिम्मेदारी और जिम्मेदार नागरिकता की गहरी संस्कृति को दर्शाते हैं।
टाटा मोटर्स अपनी सीएसआर रणनीति को समावेशी विकास, प्रणालीगत सुधार और सामुदायिक मजबूती के साथ और आगे बढ़ा रही है। डेटा और साझेदारी आधारित दृष्टिकोण के जरिए कंपनी ऐसे टिकाऊ और बड़े पैमाने पर लागू किए जा सकने वाले समाधान विकसित कर रही है, जो भारत के विकास लक्ष्यों में सार्थक योगदान दें और यह सुनिश्चित करें कि प्रगति समान और स्थायी हो।