Saturday, November 16, 2024
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Education News : Sainik schools will be opened in five schools of Bihar AISSEE admission 2024 will be open – बिहार के पांच विद्यालयों में सैनिक स्कूल खोले जाएंगे, 2024 से मिलेंगे एडमिशन


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बिहार के एक स्कूल में इस बार सैनिक स्कूल की पढ़ाई शुरू हो जायेगी। इसके अलावा पांच अन्य स्कूलों में भी सैनिक स्कूलों की मान्यता के लिये आवेदन दिया गया है। इन स्कूलों में इसके लिये तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बिहार में पीपीपी मोड पर इस बार मात्र एक स्कूल भागलपुर स्थित गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्यामंदिर चंपानगर को मान्यता मिली है। 2024-25 में इसमें नामांकन शुरू हो जायेगा। इसके अलावा अभी तक दो जिलों में इस तरह के स्कूल चलाये जा रहे हैं। जिसमें से एक समस्तीपुर स्थित सुन्दरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर में वर्ष 2021-22 से ही नामांकन हो रहा है और वहां अभी तक दो बैच चल रहे हैं। 

वहीं पटना के केशव विद्यालय सरस्वती विद्यामंदिर में 2022-23 में नामांकन हुआ है। यहां अभी पहला बैच ही चल रहा है। इन सभी विद्यालयों में कक्षा छह में ही नामांकन शुरू होगा। विद्या भारती के तीन विद्यालयों को सैनिक स्कूल की मंजूरी मिल गई है। जिसमें दो में नामांकन के बाद पढ़ाई भी शुरू हो गई है। लेकिन राज्य के विभिन्न जिलों के पांच अन्य विद्यालयों में भी इसके लिये आवेदन किये जा रहे हैं। जिसमें भागलपुर का आनंदराम ढांढनियां सरस्वती विद्या मंदिर, बक्सर के अहिरौली स्थित सरस्वती विद्या मंदिर, बांका के जगतपुर स्थित चमनसाह सरस्वती विद्यामंदिर, कैमूर के तिलौथू स्थित सरस्वती विद्या मंदिर और उच्च विद्यालय औरंगाबाद के लिये भी आवेदन किया गया है। शिशु शिक्षा प्रबंध समिति एवं भारती शिक्षा समिति दक्षिण बिहार के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा ने बताया कि इन पांच स्कूलों में आवेदन के साथ तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सैनिक स्कूल के मानक के अनुसार यहां तैयारियां की जा रही हैं। ताकि विभागीय टीम द्वारा होने वाली जांच में ये स्कूल खरा उतर पायें। जानकारी हो कि इन स्कूलों में कक्षा छह से ही नामांकन होता है। 

राज्य के एक मात्र स्कूल भागलपुर स्थित गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर को सैनिक स्कूल की मान्यता मिलने व 2024 में नामांकन की तैयारी को लेकर यहां के प्रधानाध्यापक नीरज कौशिक ने कहा कि यहां छात्रावास की भी सुविधा है। जो छात्र-छात्रा यहां रहना चाहेंगे वे यहां रह सकेंगे। वहीं जो घर से रोजाना आना-जाना करना चाहते हैं कर सकते हैं। कमरों को भी निर्देशानुसार तैयार किया जा रहा है। यह सैनिक स्कूल की मान्यता छात्रों के लिये एक वरदान के रूप में मिला है।



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