नई दिल्ली. मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार को निधन हो गया. वह 71 वर्ष के थे. राणा की बेटी सोमैया ने बताया कि उनके पिता का रविवार देर रात लखनऊ स्थित संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में निधन हो गया. वह पिछले काफी समय से गले के कैंसर से पीड़ित थे. उनका पिछले एक सप्ताह से एसजीपीजीआई में इलाज जारी था.
राना को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए वर्ष 2014 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सोमैया ने बताया कि राना को सोमवार को उनकी वसीयत के मुताबिक लखनऊ में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. राना के परिवार में उनकी पत्नी, पांच बेटियां और एक बेटा है.
‘संसद को गिराकर वहां खेत बना देना चाहिए’
उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राना का विवादों से भी पुराना रिश्ता रहा है. ऐसा ही एक मामला उस वक्त का है, जब उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में एक विवादित ट्वीट किया था. हालांकि, बाद में उनके इस ट्वीट को लेकर मामला इतना बढ़ गया कि उन्हें अपना ट्वीट डिलीट करना पड़ा था. जनवरी, 2021 में मुनव्वर राना की तरफ से किसान आंदोलन को लेकर ट्विटर पर एक शेर लिखा गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि संसद भवन को गिराकर खेत बना देना चाहिए और सेठों के गोदामों को में आग लगा देनी चाहिए.
मुनव्वर राना ने लिखा था, “इस मुल्क के कुछ लोगों को रोटी तो मिलेगी, संसद को गिरा कर वहां कुछ खेत बना दो…अब ऐसे ही बदलेगा किसानों का मुक़द्दर, सेठों के बनाये हुए गोदाम जला दो…मैं झूठ के दरबार में सच बोल रहा हूं, गर्दन को उड़ाओ, मुझे या ज़िंदा जला दो.”
मुनव्वर राना ने अपने ट्वीट पर क्या कहा था?
मुनव्वर राना ने अपने ट्वीट को लेकर सफाई दी थी कि एक देश में दो संसद कैसे हो सकती है. उन्होंने कहा था, एक नया संसद भवन बनाया जा रहा है और ऐसे में पुराने की दरकार नहीं रह जाएगी. तो हम इसे किसी दूसरे काम में इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें अपनी बात रखने का पूरा हक है.
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Tags: Munawwar Rana, Parliament
FIRST PUBLISHED : January 15, 2024, 01:23 IST


