Sunday, November 16, 2025
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कहीं अनहोनी न हो जाए…जब अधिकारियों को पढ़नी पढ़ी तंत्र-मंत्र की किताबें और ऐसे सुलझा ये केस


हाइलाइट्स

ओडिशा के एक गांव से यह प्राचीन मूर्ति चोरी हो गई थी, जिसे विदेश ले जाने की साजिश रची गई.
दिल्‍ली एयरपोर्ट पर ओडिशा की इस प्राचीन मूर्ति को बरामद किया गया था.
तंत्र मंत्र के सहारे पुरातत्‍व विभाग के अधिकारियों ने इस मूर्ति का राज खोला.

नई दिल्‍ली. आज के दौर में तंत्र -मंत्र से जुड़े शास्त्र से भी कुछ मामले का समाधान हो सकता है, ये अपने आप में एक बहुत ही चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल एक ऐसा ही एक बड़ा मामला दिल्ली में देखने को मिला है, जहां इस आधुनिक विज्ञान के दौर में तंत्र मंत्र के शास्त्र के द्वारा कस्टम विभाग और भारतीय पुरातत्व विभाग की बहुत बड़ी समस्या का समाधान हो गया और ओडिशा के बड़चना गांव के लोगों के चेहरे पर कई सालों के बाद खुशी लौट आई. जिसके बाद उस गांव के लोग देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित कस्टम विभाग ,भारतीय पुरातत्व विभाग का शुक्रिया अदा कर रहे हैं .

दिल्ली स्थित आईजीआई एयरपोर्ट से पिछले कुछ समय पहले कस्टम विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक ऐसे तस्कर को हिरासत में लिया था, जिसके पास से पीतल की बनी हुई एक बेहद पुरानी मूर्ति बरामद की गई थी. आरोपी अपने साथ इस मूर्ति को हांगकांग लेकर जा रहा था. मूर्ति को देखने के बाद ऐसा लग रहा था कि यह सैकड़ों साल पुरानी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कस्टम विभाग ने दिल्ली पुलिस और भारतीय पुरातत्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई. मूर्ति को देखने के बाद भारतीय पुरातत्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को लगा की ये मूर्ति देखने में तो बहुत पुरानी है लेकिन बेहद चमत्कारी प्रतीत हो रही थी.

एएसआई अधिकारियों ने पढ़ी तंत्र-मंत्र की किताबें 
मूर्ति की एएसआई विभाग के अधिकारियों के द्वारा जब पड़ताल की गई तो बहुत ज्यादा जानकारी नहीं मिली, लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले में तंत्र मंत्र शास्त्र से जुड़ी कुछ किताबों का अध्ययन करने के लिए सलाह दी, जिसके बाद इस मामले में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली. 10 हाथों वाली कोटरक्षी यानी मां चामुंडा की मूर्ति है करीब 400 साल पुरानी, उडीसा की तंत्र विधा से संबंधित तंत्र एंड सक्ता आर्ट ऑफ उड़ीसा से इसका खुलासा हुआ.

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इस किताब ने खोला मूर्ति का रहस्‍य?
IGI एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने तस्करों के हाथों 400 साल पुरानी मूर्ति को बचा लिया. मूर्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए तंत्र-मंत्र शास्त्र का सहारा लिया गया, इसके लिए उड़ीसा में बेहद चर्चित किताब “सक्त्ता आर्ट ऑफ ओडिशा” का गहन अध्ययन किया गया । एएसआई विभाग के सूत्र बताते हैं की ओडिशा में तंत्र मंत्र से संबंधित ये  एक बहुत ही प्रचलित किताब है , जिसे प्रो. थॉमस डोनाल्डसन के द्वारा उस किताब को लिखी गई थी .इसी किताब के तीसरे अध्याय में 10 हाथों वाली कोटरक्षी यानी मां चामुंडा की मूर्ति की एक तस्वीर और उसके बारे में विस्तार से वर्णन है. लिहाजा इस मामले का उड़ीसा कनेक्शन सामने आने के बाद एएसआई की एक टीम को उड़ीसा के लिए रवाना किया गया, जहां पहुंचने के बाद अधिकारियों को बड़चना गांव के बारे में जानकारी मिली.

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कुछ साल पहले चोरी हुई थी मूर्ति
पूछताछ में पता लचा कि कुछ साल पहले मां चामुंडा की मूर्ति गांव से चोरी हो गई थी. वहां के स्थानीय लोगों से बातचीत करने के बाद इस मामले में दर्ज करवाई गई एफआईआर की कॉपी भी सामने आई. गांव के लोगों को जब दिल्ली से आए अधिकारियों ने उस मूर्ति की तस्वीर दिखाए तो लोगों के अंदर हर्ष और उल्लास की कोई सीमा नहीं थी क्योंकि गांव के लोग काफी समय से इस दुविधा में थे की गांव में मूर्ति चोरी के बाद कुछ अनिष्ठ होने वाला  है.

कहीं अनहोनी न हो जाए…जब अधिकारियों को पढ़नी पढ़ी तंत्र-मंत्र की किताबें और ऐसे सुलझा ये केस

पीएम मोदी को कहा शुक्रिया
कस्टम विभाग के सूत्र बताते हैं की उडिसा के बड़चना गांव के लोगों ने मां चामुंडा के 400 सालों पुरानी मूर्ति को वापस करने के लिए  प्रधानमंत्री के नाम से एक खत लिखा. जानकारी मिलने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने मूर्ति को वापस करने का निर्देश दिया. इस मामले में केन्द्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने लोगों की भावना और आस्था का ध्यान रखते हुए बहुत ही श्रद्धा और संस्कार के साथ अपनी टीम के साथ उस मूर्ति को बड़चना गांव के लोगों को सौंप दिया. लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान सहित कस्टम विभाग के अधिकारियों और एएसआई विभाग के समस्त अधिकारियों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया.

Tags: Archaeological Survey of India, Custom Department, IGI airport, Odisha news, Pm narendra modi



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