Saturday, June 28, 2025
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तो इसलिए महायुद्ध करने से रुका हुआ है ईरान, इतना बड़ा हमला करने की तैयारी, खौफ में दिन गुजार रहे इजरायली लोग


ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आए हमास चीफ की ईरान में हत्या कर दी गई। इस्लामिक जगत का लीडर बनने का सपना देखने वाले ईरान के लिए यह हमला किसी बड़े झटके से कम नहीं था। इस हत्या के बाद ईरान ने बदला लेने की कसम खाई, जिसके कारण इजरायल पर एक भावी हमले का डर दुनिया को सताने लगा है। लेकिन इस बात को लगभग दो सप्ताह बीत चुके हैं। अमेरिका और इजरायल की तरफ से रोज खबरें आती हैं कि ईरान आज हमला करेगा, ईरान कल हमला करेगा। लेकिन ईरान ने अभी तक कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले के जानकारों का कहना है कि ईरान एक ऐसा हमला करने की सोच रहा है जो इजरायल जैसे मजबूत दुश्मन के खिलाफ उसे चौतरफा युद्ध में जाने से बचाए और साथ ही साथ अपनी धरती पर हुई हत्या का बदला भी वह ले सके। ईरान में हाल ही में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव के बाद नई सरकार सत्ता में बैठी है। विश्लेषकों का कहना है कि इजरायल पर हमले में होती देरी के पीछे यह भी एक कारण है।

ईरान पर क्यों है बदला लेने का दबाव

ईरान हमेशा से ही अपने आप के इस्लामिक जगत में नेता बनाने की कोशिश में लगा रहता है। अब ऐसे में उसी की धरती पर हुई हमास के लीडर की मौत ने उसकी काबिलियत पर सावालिया निशान उठा दिया है। इस्माइल हानियेह की हत्या के एक दिन पहले ही इजरायल के हवाई हमले में हिज्बुल्लाह के एक कमांडर फुआद शुक्र की हत्या हो गई। फुआद को ईरान का समर्थन प्राप्त था। हानियेह की हत्या के मामले में इजरायल ने जिम्मेदारी नहीं ली, लेकिन फुआद पर हुए हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इजरायल की तरफ से कहा गया कि यह गोलन हाइट्स में हुए हमले का जवाब था, जिसमें करीब 12 बच्चे मारे गए थे। यह हमला तो ईरान के बाहर हुआ लेकिन हानियेह पर हुआ हमला ईरान की अपनी धरती पर हुआ है ऐसे में यह ईरान के लिए ज्यादा बड़ा झटका था। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामनेई ने इसे ईरान पर सीधा हमला बताया और ईरानी सेनाओं को इजरायल पर सीधा हमला करने का आदेश जारी कर दिया।

हमला करने में क्यों देरी कर रहा है ईरान

ईरान के इजरायल पर अभी तक हमला करने के पीछे कई बड़े कारण निकल कर सामने आ रहे हैं। ईरान के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि इजरायल के उसके किए की सजा देना बहुत जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही हम क्षेत्रीय संघर्षों को बढाने में कोई दिलचस्पी नहीं रखते हैं। इसके अलावा विदेश मंत्री और नए मंत्रिमंडल को अभी तक मंजरी नहीं मिल पाई है, जिससे हमले करने की अंदरूनी बातचीत धीमी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के नए राष्ट्रपति पाजेशिकयान को एक सुधारवादी नेता के तौर पर देखा जाता है, ऐसे में वह ईरान पर लगे पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के प्रभाव को कम करने और ईरान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य देशों के करीब लाने जैसे महत्वपूर्ण विचारों को ज्यादा महत्व दे सकते हैं। इस समय ईरान किसी भी हमले के पहले सोच समझ कर आगे बढ़ना चाहता है क्योंकि अगर वह इजरायल पर सीधा हमला करता है तो यह एक बहुत ही विनाशकारी युद्ध होगा। ईरान ऐसा कभी नहीं चाहेगा कि पश्चिमी देशों के साथ उसके बातचीत के सभी दरवाजे बंद हो जाए।

रिपोर्ट के अनुसार, ईरान अगर हमला करता है तो वह इजरायल को और बड़ा हमला करने के लिए भड़काएगा। फिर इसके बाद जो युद्ध छिड़ेगा वह ईरान के रोकने की हद से बाहर चला जाएगा। ईरान फिलहाल एक ऐसी स्थिति में है, जहां उसके पास कोई बेहतर विकल्प उपलब्ध नहीं है।

इससे पहले भी ईरान अपने दूतावास पर हुए हमलों का बदला लेने के लिए इजरायल के ऊपर हवाई हमले कर चुका है। लेकिन इजरायल की आयरन डोम तकनीकी और अमेरिका और ब्रिटेन के सहयोग से इजरायल ने इस हमले का सामना सफलता पूर्वक कर लिया। ईरान की इजरायल से सीमा नहीं मिलती इसलिए जमीन पर युद्ध लड़ने के लिए उसे किसी देश की सीमा के भीतर से गुजर कर जाना होगा, जो कि एक नए विवाद को जन्म दे सकता है।



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