मेक्सिको बुधवार को दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने वोटर्स को सभी स्तरों पर जजों को चुनने की इजाजत दे दी है। सत्तारूढ़ मोरेना पार्टी और उसके सहयोगियों के वर्चस्व वाले ऊपरी सदन में इस सुधार के पक्ष में 86 वोट और विरोध में 41 वोट पड़े। इसके बाद यह प्रस्ताव पास कर दिया गया। इस प्रस्ताव को संविधान में संशोधन के लिए जरूरी दो-तिहाई बहुमत प्राप्त हुआ। इस नए नियमों के विरोध में कोर्ट के कर्मचारियों, कानून के छात्रों सहित कई समूहों ने कई विरोध प्रदर्शन किए हैं। इसके तहत सुप्रीम कोर्ट और अन्य उच्च-स्तरीय जज के साथ-साथ स्थानीय स्तर के जजों को भी जनता के वोट से चुना जाएगा। 2025 या 2027 में लगभग 1,600 जजों को चुनाव लड़ना होगा।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्रेडोर ने इस सुधार के लिए दबाव डाला था और कहा था कि माजूदा न्यायिक व्यवस्था खास एलिट वर्ग के हितों को ही साधती है। राष्ट्रपति ओब्राडोर जल्द ही पद से हटने वाले हैं और उनकी जगह 1 अक्टूबर को करीबी सहयोगी क्लाउडिया शिनबाम लेंगी। जाने से पहले वह इस विधेयक को मंजूरी देना चाहते थे। वामपंथी नेता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कहा, “इस सुधार के खिलाफ़ इन लोगों को सबसे ज़्यादा चिंता इस बात की है कि वे अपने विशेषाधिकार खो देंगे क्योंकि अभी की व्यवस्था सिर्फ शक्तिशाली लोगों की सेवा करती है और उनके अपराधों पर पर्दा डालती है।”
बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन
इससे पहले सुधार के मुद्दे पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों के ऊपरी सदन में घुसने और “न्यायपालिका नहीं गिरेगी” जैसे नारे लगाने के बाद सीनेट के नेता गेरार्डो फर्नांडीज नोरोना ने सदन को स्थगित कर दिया था। बहस के लिए सांसदों को एक पूर्व सीनेट भवन में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
चुने हुए जज अपराधियों के दबाव में आ सकते हैं- मुख्य न्यायाधीश
नए नियमों पर प्रतिक्रिया देते हुए एक सार्वजनिक चेतावनी में सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश नोर्मा पिना ने कहा कि ऐसा देश जहां शक्तिशाली ड्रग का धंधा करने वाले समूह नियमित रूप से अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए रिश्वत और धमकी का इस्तेमाल करते हैं, चुने हुए जज अपराधियों के दबाव में आ सकते हैं। रविवार को जारी एक वीडियो में उन्होंने कहा, “न्यायपालिका को ध्वस्त करना आगे का रास्ता नहीं है।” पिना ने पिछले सप्ताह कहा था कि शीर्ष न्यायालय इस बात पर चर्चा करेगा कि क्या उसके पास इन नियमों को लागू होने का अधिकार है। हालांकि लोपेज़ ओब्रेडोर ने कहा है कि ऐसा करने का कोई कानूनी आधार नहीं है।
अमेरिका ने बताया खतरनाक प्रस्ताव
इस बीच अमेरिका ने चेतावनी दी है कि यह नियम ऐसे रिश्ते को खतरे में डालेंगे जो मैक्सिकन कानूनी ढांचे में निवेशकों के विश्वास पर निर्भर करता है। अमेरिकी राजदूत केन सालाजार ने पिछले महीने कहा था कि ये परिवर्तन मैक्सिकन लोकतंत्र के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा कर सकते हैं और अपराधियों को राजनीति से प्रेरित और अनुभवहीन जजों का शोषण करने में सक्षम बना सकते हैं। इसके अलावा ह्यूमन राइट्स वॉच ने सांसदों से खतरनाक प्रस्तावों के खिलाफ वोट करने का अनुरोध किया था। उनका कहना है कि वे न्यायिक आजादी को कमजोर करेंगे और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का भी उल्लंघन करेंगे।