Sunday, June 29, 2025
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रूस का बांग्लादेश को अल्टीमेटम, जल्दी चुकाओ कर्जे का ब्याज, नहीं दी कोई मोहलत


बांग्लादेश की यूनुस सरकार को रूस की तरफ से यह अल्टीमेटम दिया गया है कि वह परमाणु संयंत्र के लिए गए कर्जे के ब्याज के रूप में 630 मिलियन डॉलर का 15 सितंबर तक भुगतान करें। रूस ने बांग्लादेश की उस मांग को भी अस्वीकार कर दिया जिसमें अंतरिम सरकार ने मांग की थी उन्हें कुछ वक्त की मोहलत दी जाए। रूस की तरफ से कहा गया है कि आप या तो डॉलर के रूप में यह भुगतान कर सकते हैं या फिर चीनी युआन के रूप में इसे बैंक ऑफ चाइना की शंघाई चाइना में जमा करवा सकते हैं।

दरअसल, रूस ने भारत के सहयोग से बांग्लादेश में परमाणु संयंत्र लगाने और उसकी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 12.65 बिलियन डॉलर का लोन दिया था, भारत की मध्यस्थता के कारण रूस ने बांग्लादेश को यह लोन बहुत ही आसान किस्तों में दिया था। जिसमें देरी करने पर भी बांग्लादेश को केवल चार प्रतिशत की दर से ही ब्याज देना होता। रूस ने इस कर्जे से बांग्लादेश के रूपपुर परमाणु संयंत्र में काफी काम किया हुआ है, जल्दी ही बांग्लादेश में यह परमाणु संयंत्र का काम पूरा हो जाएगा। लेकिन बांग्लादेश की परेशानी यह है कि उसने इस परमाणु संयंत्र से बिजली ले जाने के लिए अभी तक बाहर इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण नहीं किया है। जिसके कारण इस संयंत्र में बिजली बनती भी है तब भी बांग्लादेश की सरकार इसका उपयोग करने में सक्षम नहीं है। हसीना सरकार के समय इसका काम चल रहा था लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया।

रूस के साथ बांग्लादेश के परमाणु संयंत्र से पश्चिमी देश नहीं थे खुश

भारत की मध्यस्थता के कारण हुई इस डील पश्चिमी देश खुश नहीं थे। रूस की तरफ से इस प्लांट के लिए दी गई राशि को लेकर बांग्लादेश में यह अफवाह फैलाने की कोशिश की गई थी कि शेख हसीना और तत्कालीन विदेश मंत्री ने इस प्रोजेक्ट में से करीब 500 मिलियन का घोटाला किया है। रूस ने इस मुद्दे पर कहा कि ऐसा कुछ नहीं है हमनें यह पूरा भुगतान वहां पर किए गए काम को लेकर किया है। आपको 15 सितंबर तक ब्याज का भुगतान करना होगा।

भारत की अडानी पावर का भी पैसा फंसा, बिजली सप्लाई में कटौती

रूस के साथ-साथ भारत की अडानी पावर समेत कई बिजली कंपनियों का पैसा फंसा हुआ है। भारत बांग्लादेश की ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा पूरा करता है। नवंबर 2017 में भारत और बांग्लादेश की सरकार के बीच समझौता हुआ था, जिसमें बिजली खरीद के तहत बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के साथ अडानी पावर लिमिटेड के द्वारा 25 साल के सौदे पर हस्ताक्षर किए गए थे। लेकिन बांग्लादेश के सत्ता परिवर्तन के साथ ही यह समझौता भी खटाई में पड़ गया है। समझौते के तहत अडानी पावर की तरफ से गोड्डा संयंत्र द्वारा बनाई गई बिजली का 100 प्रतिशत बांग्लादेश के लिए जा रहा था, जो बांग्लादेश के बेस लोड का 7-10 प्रतिशत था। पिछले वर्ष अडानी पावर की तरफ से बांग्लादेश को 7,508 मिलियन यूनिट बिजली का निर्यात किया गया था, जो भारत के कुल बिजली निर्यात का 63 प्रतिशत था। 

बांग्लादेश की तरफ से अडानी पावर को अभी 800 मिलियन डॉलर का भुगतान बकाया है। कंपनी की तरफ से कहा गया है कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से भुगतान बैकलॉग अस्थिर हो गया है, अगर वह भुगतान नहीं करते तो हमें आगे की प्रक्रिया के बारे में सोचना होगा।



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