Saturday, June 28, 2025
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भीख पर टिके PAK ने फिर फैलाए हाथ, अब जलवायु परिवर्तन के नाम पर IMF से मांगेगा नया कर्ज


पाकिस्तान की माली हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है और इसी वजह से वो बार-बार अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के सामने मदद मांगने पर मजबूर है। हाल ही में पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ से 1 बिलियन से 1.5 बिलियन डॉलर तक के नए कर्ज की दरख्वास्त की है। ये कर्ज जलवायु परिवर्तन के असर से निपटने और जरूरी सुधारों को लागू करने के लिए मांगा गया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के बीच न्यूयॉर्क में हुई मुलाकात में ये मुद्दा उठा।

हाल ही में पाकिस्तान ने आईएमएफ से 7 बिलियन डॉलर के कर्ज कार्यक्रम को पास करवाया था लेकिन इस कर्ज से भी पाकिस्तान की भूख शांत नहीं हुई। अब उन्होंने और कर्ज की मांग की है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने साफ किया कि 7 बिलियन डॉलर के कर्ज के बाद पाकिस्तान और कर्ज लेने का हकदार हो गया है। 

आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज देने से पहले कई शर्तें भी रखी। आईएमएफ का कहना है कि पाकिस्तान की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए कहा है उसे अपने टैक्स टारगेट पूरे करने होंगे, जो उसके नए कार्यक्रम का एक कमजोर हिस्सा है। प्रधानमंत्री शरीफ ने आईएमएफ के साथ इस साझेदारी की तारीफ की और कहा कि सरकार सुधार लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है

लेकिन सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान की माली हालत में सुधार की कोई ठोस योजना नजर आ रही है। फिलहाल ऐसा दिख रहा है कि पड़ोसी मुल्क की सरकार कर्ज के दम पर ही चल रही है। अब जलवायु परिवर्तन जैसे दीर्घकालिक मसलों के लिए कर्ज मांगने का कदम कई सवाल खड़े करता है। 

आईएमएफ ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि उसे अपने खर्चे कम करने होंगे और अपनी सरकारी कंपनियों का निजीकरण जल्द लागू करना होगा। मगर यदि ऐसे ही चलता रहा आने वाले वक्त में पाकिस्तान की माली हालत और ज्यादा खराब हो जाएगी। पैसे की कमी के कारण पाकिस्तानी सरकार अपना खजाना भरने के लिए पाकिस्तानी अवाम पर जुल्म ढाएगी।



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