इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए अपने भाषण के दौरान नेतन्याहू ने कहा कि वह लेबनान में मौजूद हिजबुल्लाह के खिलाफ हमले और तेज करेंगे।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए अपने भाषण के दौरान नेतन्याहू ने कहा कि वह लेबनान में मौजूद हिजबुल्लाह के खिलाफ हमले और तेज करेंगे। इजरायली प्रधानमंत्री ने हमास को लेकर भी कहाकि गाजा में पूरी तरह से जीत मिलने तक अभियान खत्म नहीं होगा। न्यूयॉर्क में उनका भाषण खत्म होने के कुछ ही मिनटों अंदर ही इजरायल ने बेरुत स्थित हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर बमों की बारिश कर दी। अपने भाषण में नेतन्याहू ने जहां ईरान पर हमले बोले, वहीं अमेरिका और फ्रांस पर उनके शांति समझौतों के लिए तंज कसा।
नेतन्याहू शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोल रहे थे, जहां इजरायल की खासी आलोचना हुई है। हालांकि नेतन्याहू ने इन आलोचनाओं को सिरे से नकार दिया। खास बात यह रही कि जैसे ही नेतन्याहू बोलने के लिए पोडियम पर पहुंचे, कई देशों के डेलीगेट्स हॉल से बाहर चले गए। इसके विपरीत, फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास को जबर्दस्त समर्थन मिला था।
नेतन्याहू अपने भाषण के दौरान काफी गुस्से में नजर आ रहे थे। उन्होंने इजरायल के खिलाफ सात मोर्चों पर युद्ध शुरू करने के लिए ईरान की आलोचना की। उनका कहना है कि इसी के चलते 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल के खिलाफ हमास के आतंकी हमले हुए। इन हमलों में 1200 लोग मारे गए और 250 से अधिक बंधकों बनाए गए थे। इस दौरान नेतन्याहू ने शांति समझौतों या युद्ध खत्म करने के लिए आ रहे प्रस्तावों का जिक्र तक नहीं किया। नेतन्याहू ने गाजा में इजरायल के हमले के चलते होने वाले जान-माल के नुकसान पर भी बात नहीं की। गौरतलब है कि अमेरिका समेत, मिस्र, कतर और फ्रांस इजरायल के सामने लेबनान से शांति समझौतों का प्रस्ताव दे चुके हैं।
इसके बजाए, नेतन्याहू ने इस मौके पर आशीर्वाद और अभिशाप का जिक्र किया। आशीर्वाद के तौर पर उन्होंने यहूदियों और अरबों, यहूदी धर्म और इस्लाम, मक्का और यरूशलेम के बीच ऐतिहासिक सुलह को परिभाषित किया। खासतौर पर उन्होंने इजरायल और सऊदी अरब के बीच सामान्यीकरण की संभावनाओं पर बात की। इसके अलावा एक नक्शे के जरिए भारत-मध्यपूर्व-यूरोप कॉरिडोर का भी जिक्र किया। वहीं, एक अन्य नक्शा दिखाया, जिसमें अभिशाप के रूप में ईरान के नेतृत्व वाले आतंक को दिखाया। इसमें उन्होंने इराक और सीरिया में शिया मिलिशिया, लेबनान में हिजबुल्लाह, गाजा में हमास और यमन में हूतियों को शामिल किया।
नेतन्याहू ने कहा कि ईरान के अत्याचारियों, तुम्हारे लिए मेरे पास एक संदेश है। अगर तुम हमारे ऊपर हमला करोगो तो हम भी तुम्हारे ऊपर हमला करेंगे। ईरान में कोई ऐसी जगह नहीं है, जहां तक इजरायल पहुंच नहीं सकता। इसके अलावा उन्होंने दुनिया से कहाकि वह ईरान को खुश करने की कोशिशें बंद करें। नेतन्याहू ने यह भी कहाकि वह ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षा को रोकने के लिए जो भी संभव होगा करेंगे।
गाजा पर इजरायली प्रधानमंत्री ने कहाकि हमने हमास को कमजोर करने में सफलता पाई है। अब हम हमास की बची हुई आतंकी क्षमता को खत्म करने पर ध्यान लगा रहे हैं। हम बंदियों को घर लाने के लिए पवित्र मिशन पर काम कर रहे हैं। हमास को जाना ही होगा। गौरतलब है गाजा पर इजरायल के हमले में 40 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 20 लाख से ज्यादा बेघर हुए हैं। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध से तुलना करते हुए कहाकि जिस तरह जर्मनी में नाजियों को फिर से उठ खड़े होने की कल्पना नहीं की जा सकती। ठीक उसी तरह से इजरायल युद्ध के बाद हमास को भी गाजा में कोई भूमिका निभाने लायक छोड़ेगा नहीं।
हिजबुल्लाह पर हमला बोलते हुए नेतन्याहू ने उसे इजरायल में 60 हजार लोगों को बेघर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहाकि लेबनान स्थित इस आतंकी संगठन के 8 अक्टूबर को किए गए हमले के बाद हमारे देश का उत्तरी क्षेत्र भूतिया कस्बों में बदल गया है। इजरायली प्रधानमंत्री ने इस दौरान सवाल पूछा कि क्या अमेरिका कभी खुद के देश में ऐसा बर्दाश्त करेगा? उन्होंने कहाकि इजरायल को लेबनान में हिजबुल्लाह को हराना ही होगा। ओसामा बिन लादेन के बाद यही आतंकी संगठन है, जिसने अमेरिका और फ्रांस के लोगों को सबसे ज्यादा मारा है। नेतन्याहू का यह कहना अमेरिका और फ्रांस के शांति के प्रयासों पर तंज था।
अपने भाषण के दौरान बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र को भी सुना डाला। इजरायली प्रधानमंत्री ने यूनाइटेड नेशंस को यहूदियों का विरोधी बता डाला। नेतन्याहू ने दावा किया कि 1984 में पहली बार उन्होंने यहां पर भाषण दिया था और यह नफरती बना हुआ था। उन्होंने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट पर भी हमला बोला, जिसने नेतन्याहू के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था और इजरायल को युद्ध अपराध का जिम्मेदार ठहराया था।
उन्होंने कहाकि इस कोर्ट ने ईरान, गाजा, यमन, सीरिया और अन्य जगहों के असली युद्ध अपराधियों पर आंखें बंद कर ली थीं। नेतन्याहू ने कहकि जिन प्रोग्रेसिव लोगों ने इजरायल को क्राइम और जीनोसाइड का गुनाहगार बताया उन्हें ईरान से पैसे मिलते हैं। वह ईरान, जो तानाशाह है और लोकतंत्र पर हमले करता है। उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल जरूर जीतेगा क्योंकि उसके पास कोई विकल्प नहीं है।