Saturday, June 28, 2025
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जानें शहीद-ए-आजम भगत सिंह से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें, करियर न्यूज़


Bhagat Singh Birthday , Facts about Bhagat Singh : देश की आजादी के लिए हंसते हंसते प्राणों का बलिदान देने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह की आज जयंती है। महान क्रांतिकारी भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को जिला लायलपुर (अब फैसलाबाद, पाकिस्तान में) के गांव बावली में हुआ था। भगत सिंह का व्यक्तित्व और उनके औजस्वी विचार आज भी हमारे जेहन में जिंदा हैं और उनकी प्रेरणादायी सोच युवाओं को प्रेरणा दे रही है। भगत सिंह जी ने जहां एक ओर अपनी देशभक्ति से विदेशी हुकूमत को घुटने पर लाने का काम किया, वहीं दूसरी ओर अपने विचारों से स्वतंत्रता के संघर्ष में अलग-अलग बंटे भारत को एक करने का काम किया। उनके विचारों से पूरे भारत में स्वाधीनता की लहर और तेज हो गयी। उनके जीने के तरीके और विचारों से आज भी हर भारतीय प्रेरणा लेता है।

यहां जानें भगत सिंह के जीवन से जुड़ी खास बातें- 

1. भगत सिह का जन्म पंजाब प्रांत में लायपुर जिले के बंगा में 28 सितंबर, 1907 को पिता किशन सिंह और माता विद्यावती के घर हुआ था। यह जगह अब पाकिस्तान में हैं। भगत सिंह की दादी ने उनका नाम भागां वाला (अच्छे भाग्य वाला) रखा था, बाद में उन्हें भगत सिंह कहा जाने लगा। 

2. भगत सिंह के पिता किशन सिंह, चाचा अजीत सिंह और स्वर्ण सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे। भगत सिंह की पढ़ाई लाहौर के डीएवी हाई स्कूल में हुई। 1919 में जब गांधी जी की अगुवाई में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ तब भगत सिंह 7वीं कक्षा में थे। 15 साल की उम्र में ही वे गुप्त क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लेने लगे थे। देश 

3. 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी वाले दिन रौलट एक्ट के विरोध में देशवासियों की जलियांवाला बाग में सभा हुई। ब्रिटिश जनरल डायर के क्रूर और दमनकारी आदेशों के चलते निहत्थे लोगों पर अंग्रेजी सैनिकों ने ताबड़बतोड़ गोलियों की बारिश कर दी। इस अत्याचार ने देशभर में क्रांति की आग को और भड़का दिया। 12 साल के भगत सिंह पर इस सामुहिक हत्याकांड का गहरा असर पड़ा। उन्होंने जलियांवाला बाग के रक्त रंजित धरती की कसम खाई कि अंग्रेजी सरकार के खिलाफ वह आजादी का बिगुल फूंकेंगे। उन्होंने लाहौर नेशनल कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर ‘नौजवान भारत सभा’ की स्थापना कर डाली।

4. भगत सिंह ने सुखदेव और राजगुरु के साथ मिलकर काकोरी कांड को अंजाम दिया

5. भगत सिंह ने राजगुरु के साथ मिलकर 17 दिसंबर 1928 को लाहौर में सहायक पुलिस अधीक्षक रहे अंग्रेज़ अफसर जेपी सांडर्स को मारा था। इसमें चन्द्रशेखर आज़ाद ने उनकी पूरी सहायता की थी।

6. क्रांतिकारी साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर भगत सिंह ने अलीपुर रोड दिल्ली स्थित ब्रिटिश भारत की तत्कालीन सेंट्रल असेंबली के सभागार में 8 अप्रैल 1929 को अंग्रेज़ सरकार को जगाने के लिये बम और पर्चे फेंके थे।

7. भगत सिंह जन्म के समय एक सिख थे, उन्होंने अपनी दाढ़ी मुंडवा ली और हत्या के लिए पहचाने जाने और गिरफ्तार होने से बचने के लिए अपने बाल काट लिए। वह लाहौर से कलकत्ता भागने में सफल रहे।

8. भगत सिंह का ‘इंकलाब जिंदाबाद’ नारा काफी प्रसिद्ध हुआ। वो हर भाषण और लेख में इसका जिक्र करते थे।

9. भगत सिंह को 7 अक्टूबर 1930 को मौत की सजा सुनाई गई थी, जिसे उन्होंने साहस के साथ सुना। 

10. भगत सिंह को 24 मार्च 1931 को फांसी देना तय किया गया था, लेकिन अंग्रेज इतना डरे हुए थे कि उन्हें 11 घंटे पहले ही 23 मार्च 1931 को उन्हें 7:30 बजे फांसी पर चढ़ा दिया गया।



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