रिदय कापडी
बोटाद: अपने देश में 90 फीसदी लोग नौकरी को प्राथमिकता देते हैं. पढ़ाई पूरी करने के बाद अधिकतर युवाओं का एक लक्ष्य होता है कि किसी तरह उन्हें एक ठीकठाक नौकरी मिल जाए. नौकरी मिलने के बाद इंसान शादी-विवाह और अन्य सामाजिक जिम्मेदारियों में उलझते जाता है. फिर उसकी दिनचर्या सुबह 9 से 6 बजे के ढर्रे में सेज हो जाती है. लेकिन, बेहद कम लोग ऐसे होते हैं जिनको यह दिनचर्या रास नहीं आती. वे बेचैन होते रहते हैं. फिर अचानक एक दिन वे नौकरी को लात मार अपने दम पर कुछ करने की ढान लेते हैं. इसमें उनको काफी संघर्ष करना पड़ता है. कई बार भूखे पेट सोना पड़ता है. वे फिर नौकरी में लगे अपने यार-दोस्तों से दूर होने लगते हैं. लेकिन, इसी बीच किसी दिन खबर आती है कि कल तक संघर्ष कर रहा इंसान आज बड़ा आदमी बन गया है. आज एक ऐसी ही कहानी आपके साथ साझ करते हैं.
दरअसल, यह कहानी है गुजरात के सौराष्ट्र के एक युवक की. युवक बोटाद जिले का रहने वाला है. जिले के गढ़दा तालुका के अडताला गांव के रहने वाले भाविनभाई डेरवालिया ने नौकरी नहीं मिलने पर आखिरकार आइसक्रीम बनाने का काम शुरू किया. भाविनभाई डेरवालिया ने कहा कि उन्होंने बीए तक की पढ़ाई की और फिर नौकरी के लिए कई बार कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली. आखिरकार उन्होंने अपने गांव में आइसक्रीम बनाना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे यह व्यवसाय गढ़दा तालुका में प्रसिद्ध हो गया. आज वह इस बिजनेस के जरिए अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं.
आइसक्रीम का कारोबार
भाविनभाई ने अपने चाचा महेशभाई के साथ आइसक्रीम बनाना शुरू किया. उन्होंने चार साल पहले कोठी आइसक्रीम बनाना शुरू किया था, जिसके बाद लॉकडाउन के कारण उनका कारोबार बंद हो गया. इसलिए वह युवक सूरत छोड़कर अपने गांव अडताला आ गया और वहां आइसक्रीम बनाने लगा. फिर सूरत में एक और फैक्ट्री स्थापित की.
इस फैक्ट्री में 10 से 400 रुपये की कीमत पर आइसक्रीम और श्रीखंड बनाना शुरू हुआ और धीरे-धीरे आसपास के इलाके के लोग आइसक्रीम और श्रीखंड के प्रशंसक बन गए. आज वे लाखों रुपये कमा रहे हैं. फिलहाल यह आइसक्रीम अमरेली, वल्लभीपुर, भावनगर, सूरत समेत कई शहरों में बेची जा रही है और फिलहाल उनकी फैक्ट्री में 50 से 60 कर्मचारी काम कर रहे हैं. महेशकाका की आइसक्रीम और कैंडी का हर महीने 3 लाख और सालाना 36 लाख से ज्यादा का कारोबार होता है. आजकल लोगों के बीच इसकी काफी डिमांड है.
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Tags: Success Story
FIRST PUBLISHED : January 4, 2024, 16:03 IST