ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. बुलंदशहर के डिबाई में एक क्लीनिक में गर्भपात के दौरान एक विधवा महिला की मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुलिस ने बताया कि गर्भपात के दौरान महिला की मौत हो गई थी, लेकिन उसका बच्चा जिंदा था.
पुलिस के मुताबिक क्लीनिक के डॉक्टर और संचालक ने उस बच्चे को हरियाणा के एक परिवार को दो लाख रुपये में बेच दिया. पुलिस ने बच्चे को हरियाणा से बरामद कर लिया है, लेकिन चूंकि वह प्री-मैच्योर है, इसलिए उसे चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सौंप दिया गया है.
अचानक घर से गायब हो गई…
ग्रेटर नोएडा के डीसीपी साद मियां खान ने लोकल 18 से बातचीत में इस घटना का ब्योरा दिया. उन्होंने बताया कि 6 अगस्त को आर एंड आर कॉलोनी की एक विधवा महिला अचानक घर से गायब हो गई थी. 15 अगस्त को उसके बेटे ने जेवर कोतवाली में मां की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने जांच शुरू की और महिला की कॉल डिटेल्स के आधार पर पड़ोस के रहने वाले जमशेद को गिरफ्तार किया गया.
अवैध संबंध का मामला
जांच में पता चला कि जमशेद और महिला के बीच अवैध संबंध थे, और महिला गर्भवती हो गई थी. जब महिला ने गर्भपात के लिए बुलंदशहर के डिबाई में एक क्लीनिक का सहारा लिया, तो प्रक्रिया के दौरान उसकी मौत हो गई. हालांकि, उसका बच्चा जीवित था, जिसे क्लीनिक के डॉक्टर और संचालक ने हरियाणा के एक परिवार को बेच दिया.
जमशेद को गिरफ्तार किया
डीसीपी खान ने बताया कि पुलिस ने आरोपी जमशेद को गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही झोलाछाप डॉक्टर मनोज कुमार, उसकी पत्नी मिथलेश, और उनके सहयोगी राज बहादुर को भी गिरफ्तार किया गया है. मनोज और मिथलेश से पूछताछ में खुलासा हुआ कि महिला के बच्चे को हरियाणा के एक परिवार को दो लाख रुपये में बेचा गया था. पुलिस ने बच्चे को बरामद कर उसे चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के हवाले कर दिया है. इस मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अन्य फरार आरोपियों में सद्दाम, मोनू, गुड्डी देवी, और जमशेद का भाई सद्दाम शामिल हैं, जिनकी तलाश जारी है.
कानून का सख्ती से पालन
यह घटना समाज के उस काले पहलू को उजागर करती है जहां गरीबी, अवैध संबंध, और गैर-कानूनी चिकित्सा प्रक्रियाएं मानव जीवन को खतरे में डालती हैं. पुलिस की सक्रियता ने इस मामले में कुछ हद तक न्याय दिलाने की कोशिश की है, लेकिन यह घटना एक गंभीर चेतावनी भी है कि ऐसे मामलों में कानून का सख्ती से पालन होना चाहिए.
FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 15:41 IST